चंडीगढ़ (अनिल कुमार): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ग्राम संरक्षक योजना के तहत आवंटित कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में एक अलग से प्रकोष्ठ बनाया जाए ताकि जिन अधिकारियों द्वारा गांव गोद लिए गये हैं, वे सीधे इस प्रकोष्ठ में अपनी फीडबैक रिपोर्ट भेज सकें और मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा इसका विश्लेषण किया जा सके ।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चंडीगढ़ में ग्राम संरक्षण योजना की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ग्राम संरक्षक योजना के तहत आवंटित कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में एक अलग से प्रकोष्ठ बनाया जाए ताकि जिन अधिकारियों द्वारा गांव गोद लिए गये हैं, वे सीधे इस प्रकोष्ठ में अपनी फीडबैक रिपोर्ट भेज सकें और मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा इसका विश्लेषण किया जा सके। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस बात के भी निर्देश दिए कि वे श्मशान घाटों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, व्यायामशालाओं, स्कूलों व परिवार पहचान पत्र इत्यादि के कार्यों का सप्ताह में अवकाश वाले दिन या कार्यालय से छुट्टी के बाद अवलोकन करें।
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ग्राम विकास कार्यों की मॉनिटरिंग विकास एवं पंचायत विभाग भी करता है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि गांव में हुई मौतों की सही सूचना गांव के चौकीदार को देनी होगी। इसके लिए चौकीदार को पहले से दी जाने वाली 300 रुपये की राशि को 500 रुपये किया जाएगा और सम्बन्धित सभी विभाग संयुक्त रूप से इसका रिकार्ड अपडेट करेंगे। उन्होंने कहा कि ग्राम दर्शन व नगर दर्शन पोर्टल से अलग सीएम विंडो की तरह मुख्यमंत्री कार्यालय में यह प्रकोष्ठ कार्य करेगा और मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर इसकी निगरानी की जाएगी।
आंगनबाड़ी केन्द्रों में 3 से 5 आयु वर्ग के बच्चों की उपस्थिति अनिवार्य रूप से दर्ज की जाए। अधिकारी आबंटित गांव में ये कार्य पूर्ण देखरेख के साथ करें और अंकों के आधार पर आकलन रिपोर्ट तैयार कर गांव की रैंकिंग करें। परिवार पहचान पत्र में दिव्यांग वाले कॉलम में जन्म से हुई अन्य गंभीर बीमारियों का भी उल्लेख करें।