(प्रदीप कुमार )- लोक सभा अध्यक्ष ने भारतीय विदेश सेवा और रॉयल भूटान विदेश सेवा के प्रशिक्षणार्थी अधिकारियों के लिए आयोजित एक दिवसीय सहयोजन कार्यक्रम को संबोधित किया ।लोक सभा अध्यक्ष, ओम बिरला ने आज संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) द्वारा भारतीय विदेश सेवा और रॉयल भूटान विदेश सेवा के प्रशिक्षणार्थी अधिकारियों के लिए आयोजित सहयोजन कार्यक्रम (ODAP) के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।
ओम बिरला ने इस प्रतिष्ठित सेवा में चयनित होने पर प्रशिक्षु अधिकारियों को बधाई देते हुए आशा व्यक्त की कि वे देश का प्रतिनिधित्व करने की भूमिका को उत्कृष्टता के साथ निभाएंगे । उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय विदेश सेवा के अधिकारियों के रूप में उन्हें दुनिया के विभिन्न देशों की विभिन्न राजधानियों और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों में हमारे देश के व्यापक हितों के लिए काम करने का एक उत्कृष्ट अवसर मिलता है। इसलिए विदेश सेवा के अधिकारी विदेशों में भारत की स्थिति को मजबूत करने और पूरी दुनिया में हमारी साख बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं ।
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भारत के इतिहास और संस्कृति को स्वरूप देने में लोकतंत्र की भूमिका की सराहना करते हुए, बिरला ने इस बात का उल्लेख किया कि ‘लोकतंत्र की जननी’ के रूप में भारत ने सदैव विशिष्टता के साथ लोकतांत्रिक परंपराओं और प्रथाओं को कायम रखा है। स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद, भारत को गंभीर रूप से प्रभावित अर्थव्यवस्था, सामाजिक विभाजन और साक्षरता के निम्न स्तर जैसी समस्याओं के समाधान के लिए शासन का विकल्प अपनाना था । इस परिदृश्य में, भारत ने लोकतंत्र को सच्ची भावना से और पूरे दिल से अपनाया, जैसा कि भारत में चुनाव प्रक्रिया की सफलता से साबित हुआ है। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को याद दिलाया कि भारत के साथ-साथ स्वतंत्रता प्राप्त करने वाले कई देशों ने लोकतंत्र को कायम रखने के लिए संघर्ष किया या इसे त्याग दिया, परंतु भारत लोकतंत्र के पक्षधर के रूप में उभरा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में एक जीवंत लोकतंत्र है, जो बदलते समय और वैश्विक दायित्वों के साथ पूरी तरह तालमेल बना कर चल रहा है।
ओम बिरला ने यह भी कहा कि आईएफएस अधिकारियों के सामने जलवायु परिवर्तन, विकासात्मक मुद्दों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद जैसी बड़ी-बड़ी चुनौतियाँ हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखते हुए इन चुनौतियों को भारत के लिए अवसरों में परिवर्तित करें। ओम बिरला ने अधिकारियों को जलवायु परिवर्तन संबंधी संवाद में एक प्रमुख शक्ति के रूप में भारत की भूमिका, भारत की लोकतांत्रिक ताकत और इसकी आर्थिक कुशलता से दुनिया को अवगत कराने की सलाह दी।जी-20 शेरपा शिखर सम्मेलन और देश भर में हो रही बैठकों के संदर्भ में, ओम बिरला ने कहा कि आज न केवल देश के समृद्ध आतिथ्य-भाव का प्रदर्शन किया जा रहा है, बल्कि दुनिया को देश के नए और कम ज्ञात स्थानों के बारे में भी जानकारी दी जा रही है।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने यह भी कहा कि युवा अधिकारियों को विश्व मंच पर भारत के भारत की छवि को बनाए रखना चाहिए और देश ने उन पर जो भरोसा जताया है, उस पर खरा उतरना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रतिनिधि के रूप में, उनसे आशा की जाती है कि वे अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का निर्वहन उल्लेखनीय ढंग से करें और देश का नाम रोशन करें।