Accident Prevention Glasses: गुजरात के नवसारी जिले के स्कूल के बच्चों ने एक्सीडेंट रोकने के लिए एक नायाब खोज की है। बच्चों ने एक ऐसा चश्मा बनाया है जो सड़़क दुर्घटना को रोकने में मदद करेगा।ये स्कूल नेशनल हाइवे के करीब है और यहां के छात्र-छात्राओं को लगा कि उन्हें इस पर लगातार होने वाली दुर्घटनाओं के बारे में कुछ करना चाहिए।अपने शिक्षकों की मदद से छात्र-छात्राओं ने चश्मा ये विशेष चश्मा बनाया है। उनका कहना है कि इससे पता लगा सकते हैं कि गाड़ी चलाते समय कोई ड्राइवर सो रहा है या जाग रहा है।
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स्कूल की प्रिंसिपल ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को इंजीनियरों के साथ-साथ दूसरे स्कूलों के शिक्षकों से भी सराहना मिली है।छात्र-छात्राओं और स्कूल प्रशासन को उम्मीद है कि इस प्रोजेक्ट को गंभीरता से लिया जाएगा। कोई कंपनी इस चश्मे को और विकसित कर के इसे उपयोग लायक बनाने के लिए आगे आएगी।उनका मानना है कि अगर ये प्रोजेक्ट ड्राइवरों की नींद के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करता है, तो उनकी मेहनत सफल हो जाएगी।
डिंपल पटेल, साइंस टीचर और प्रोजेक्टर पर स्टूडेंट्स की गाइड, एसएसआरएच स्कूल, नवसारी: ऐसा चश्मा बनाया है जिसमें आई सेंसर लगाया है। उस सेंसर का काम ये है कि वो जब भी ड्राइवर को नींद आती है तभी उस नींद आने की वजह से उसकी आंख झपकती है वो आई सेंसर ट्रैक करता है तब आई सेंसर बजर में से आवाज आती है तो कार स्टाप हो जाती है। इसलिए ड्राइवर को पता चलता है और बजर की आवाज से उसकी आंखें खुल जाती है।”
जब ड्राइवर को नींद आएगी उसकी आंखें बंद होगी तो इस चश्मे में जो सेंसर होगा उसकी लेंस को ट्रैक करता होगा जब ड्राइवर की आंखें बंद होगी तब सिस्टम में से आवाज आने लगेगी और इस आवाज को सुनकर ड्राइवर की आंखें खुल जाएंगी। इस तरह हम आकस्मात को टाल सकते हैं।”केतकी देसाई, प्रिंसिपल, एसएसआरएच स्कूल, नवसारी: इस प्रोजेक्ट को एलएनटी द्वारा 150 स्कूलों का जो साइंस फेयर हुआ उसमें भी प्राइज मिला है और एलएनटी के इंजीनियरों ने भी उसकी सराहना की है। प्रिंसिपल और स्कूल के टीचर जो देखने आए थे उसने भी इसकी बड़ी सराहना की है।”
(Source PTI )