Gaganyaan- चंद्रयान-थ्री जैसे ही चंद्रमा की सतह पर उतरा, भुवनेश्वर में सेंट्रल टूल रूम एंड ट्रेनिंग सेंटर या सीटीटीसी के वैज्ञानिकों और तकनीशियन के चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ गई।सेंटर पर इसरो को चंद्रयान-थ्री के लिए कई अहम पुर्जे मुहैया कराने की जिम्मेदारी थी।सीटीटीसी पर चंद्रयान-थ्री के लिए सौर पैनल से लेकर नेवीगेशन और मार्गदर्शन के लिए जरूरी पुर्जे मुहैया कराने से लेकर इसरो के मानकों के हिसाब से उनकी क्वालिटी सुनिश्चित करने का जिम्मा था।
चंद्रयान-थ्री की कामयाबी का जश्न अभी खत्म नहीं हुआ है। लेकिन सीटीटीसी में अगले प्रोजेक्ट – ‘गगनयान’ के लिए काम शुरू हो गया है। चंद्रयान-थ्री की कामयाबी पूरे देश के साथ-साथ उन तकनीशियनों के लिए भी मील का पत्थर है, जिन्होंने इसकी कामयाबी के लिए दिन-रात एक किए हैं। सुधीर कुमार दलेई, वैज्ञानिक, इसरो कहते है कि “इसरो का जो कॉम्पोनेंट है, मैन्युफैक्टरिंग करने के लिए, वो सारा कंपनियां मना कर देते हैं। क्योंकि जिनके पास अच्छा क्वालिटीज नहीं है, जो उतना अच्छा मशीन नहीं है, क्योंकि हमको जो चाहिए पारामीटर्स, वो अचीव कर सकें, वो लोग लेता नहीं है। लेकिन सीटीटीसी में ऐसा सिस्टम है, एस्टैबलिशमेंट है, जिसके वजह से वो लोग अचीव कर सकते हैं, उनको जो चाहिए पैरामीटर्स।”
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“एज ए क्वालिटी कंट्रोल पर्सन आई एम वर्किंग हियर। सो मेरा बेसिकली काम है कि जो भी कम्पोनेंट यहां पे मैन्युफैक्चरिंग होता है, जो भी सैटेलाइट या लॉन्च वेहिकल का जो भी कॉम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग होता है, उसका क्वालिटी, यानी कि जो गुणवत्ता है उसको नजर में रखते हुए जो अचीवेबल है उसका जो कॉम्पोनेंट्स का जो पारामीटर्स हमको चाहिए, उसको सक्सेसफुल्ली अचीव करने के बाद इसरो को भेजना है।”
बिजय कुमार, प्रोडक्शन मैनेजर, सीटीटीसी कहते है कि “चंद्रयान-थ्री में कई हार्डवेयर कामयाब रहे। इसीलिए सॉफ्ट लैंडिंग हो सकी और सब कुछ ठीक-ठाक हुआ। अगला प्रोजेक्ट गगनयान अभी चल रहा है। हार्डवेयर का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। बाकी हार्डवेयर पर भी काम चल रहा है। गगनयान का हार्डवेयर चंद्रयान-थ्री के मुकाबले बेहद जटिल है।”