(प्रदीप कुमार )-Agneepath Scheme- कांग्रेस ने केंद्र सरकार से अग्निपथ योजना वापस लेकर सेना में पक्की भर्ती दोबारा शुरू करने और सेना में चयनित हुए क़रीब दो लाख युवाओं को तुरंत नियुक्ति दिए जाने की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर सेना में चयनित हुए युवाओं को मोदी सरकार द्वारा नियुक्ति नहीं दिए जाने का मुद्दा उठाया और अग्निपथ योजना से युवाओं के साथ हो रहे घोर अन्याय को उजागर किया।इस मुद्दे पर राहुल गांधी ने कहा कि देशभक्ति और बहादुरी से सराबोर सैन्य अभ्यर्थियों के लिए न्याय की लड़ाई में हम उनके साथ हैं।
राष्ट्रपति को लिखे पत्र में खरगे ने कहा कि 2019 से 2022 के बीच लगभग दो लाख युवा पुरुषों और महिलाओं को तीन सशस्त्र सेवाओं : भारतीय थलसेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना हेतु चयनित किया गया था और उन्हें बस अपने ज्वाइनिंग लेटर का इंतज़ार था। मगर भारत सरकार द्वारा भर्ती प्रक्रिया को समाप्त करने और इसके स्थान पर अग्निपथ योजना लागू करने के निर्णय ने युवाओं के सपनों को चकनाचूर कर दिया, इससे इन युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो गया।
अग्निपथ योजना को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस योजना से सैनिकों के समानांतर एक कैडर बनाकर जवानों के बीच भेदभाव पनपेगा। अलग मेहनताने, सेवा लाभ और भविष्य से जुड़ी आशंकाओं के बीच इनको पूर्णकालिक सैनिक के समान ही सेवा देनी है। चार साल की सेवा के बाद इनमें से अधिकांश अग्निवीरों को नौकरी से निकाल दिया जाएगा।
कुछ का यह भी मानना है कि अग्निपथ योजना सामाजिक अस्थिरता पैदा कर सकती है। खरगे ने कहा कि इस पत्र को लिखने का मुख्य उद्देश्य उन लाखों युवाओं के ऊपर हुए अन्याय को उजागर करना है, जिनके सपने भारत सरकार द्वारा किए गए वादे के बावजूद पूरे नहीं किए गए। उन्होंने राष्ट्रपति से युवाओं के लिए न्याय सुनिश्चित करने की अपील की।
वहीं नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट, सांसद दीपेंद्र हुड्डा और कांग्रेस मीडिया एवं पब्लिसिटी के चेयरमैन पवन खेड़ा ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि अग्निपथ योजना वापस लेकर पक्की भर्ती दोबारा शुरू की जाए। सेना द्वारा चयनित किए गए लाखों युवाओं को तुरंत नियुक्ति दी जाए।सचिन पायलट ने कहा कि मोदी सरकार ने एकतरफा निर्णय से अग्निपथ योजना की घोषणा की थी। इसमें कहा गया कि इस नई योजना का उद्देश्य सेना की औसत आयु को कम करना और सेना का आधुनिकीकरण करना है। जबकि मोदी सरकार ने इस योजना को पैसा बचाने के लिए शुरू किया।
सचिन पायलट ने कहा कि अग्निपथ योजना में चार साल नौकरी के बाद सिर्फ 25 प्रतिशत को स्थाई रूप से सेना में भर्ती किया जाएगा और बाकी 75 प्रतिशत को निकाल दिया जाएगा। चार साल की नौकरी के बाद अग्निवीर कम उम्र में रिटायर हो जाएंगे। उनको पेंशन भी नहीं मिलेगी। अग्निवीर को ग्रेच्युटी के 11 लाख रुपयों का आधा पैसा उनकी तनख्वाह से कट रहा है। भारत सरकार जी-20 पर 4,100 करोड़ रुपये, प्रधानमंत्री के हवाई जहाज के लिए 8,400 करोड़ रुपये, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के लिए 20,000 करोड़ रुपये और एक साल में सरकारी विज्ञापनों के लिए 6,500 करोड़ रुपये खर्च कर सकती है। लेकिन केवल पैसा बचाने के लिए सेना की भर्ती प्रक्रिया के साथ खिलवाड़ करना देश की सुरक्षा के लिए चुनौती बन सकता है।
सचिन पायलट ने आगे कहा कि देश में करीब दो लाख युवा हैं, जिन्हें चयनित किया गया, लेकिन जॉइनिंग नहीं दी गई। कांग्रेस का आग्रह है कि जिन युवाओं को चयनित किया गया था, उन्हें नौकरी दी जाए।वहीं दीपेंद्र हुड्डा ने सवाल उठाया कि मोदी सरकार अग्निपथ योजना किसकी मांग पर लेकर आई। क्योंकि अग्निपथ योजना की मांग न तो सेना ने रखी, न ही सेना में भर्ती होने वाले नौजवानों ने रखी। पूर्व सेना अध्यक्ष एमएम नरवणे भी कह चुके हैं कि सरकार का अग्निपथ योजना लाने का फैसला चौंकाने वाला था।
हुड्डा ने कहा कि अग्निपथ योजना के दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। अग्निपथ योजना से पहले हर वर्ष 60 से 65 हजार की भर्ती होती थी, वहीं पिछले वर्ष सिर्फ 45 हजार अग्निवीर लिए गए। अगर भर्ती की रफ्तार इसी दर से चलती रही तो अगले दस वर्ष में सेना की संख्या 14 लाख से घटकर आठ लाख रह जाएगी।वहीं पवन खेड़ा ने कहा कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा में भी राहुल गांधी ने युवाओं के हक के लिए आवाज उठाई है। देश में आज जवान और किसान दोनों परेशान है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसान और जवान दोनों का अपमान कर रहे हैं।
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