Bengal Politics: पश्चिम बंगाल विधानसभा में सोमवार को शोर-शराबा और हंगामा के चलते मुख्य सचेतक शंकर घोष समेत भारतीय जनता पार्टी के चार विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया गया।शंकर घोष के नेतृत्व में करीब 40 बीजेपी विधायक पार्टी विधायकों की टिप्पणियों को हटाये जाने का विरोध कर रहे थे। जिन टिप्पणियों को हटाया गया है उनमें जाने-माने अर्थशास्त्री से पार्टी विधायक बने अशोक लाहिड़ी की टिप्पणियां भी शामिल थीं।
सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी विधायकों ने मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य के भाषण में बार-बार बाधा डाली, जिसके कारण विधानसभाध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय ने पहले उनसे अपनी सीट पर जाने को कहा और जब वे नहीं माने तो उन्होंने चार विधायकों को सदन से निलंबित करने का आदेश दिया। सत्र मंगलवार को समाप्त होगा।शंकर घोष और बीजेपी के तीन विधायकों – अग्निमित्रा पॉल, दीपक बर्मन और मनोज उरांव – को दुर्व्यवहार करने, अध्यक्ष के आदेशों की अवहेलना करने, कार्यसूची फाड़ने और अपनी मेजों पर माइक्रोफोन पटकने को लेकर सदन से निलंबित कर दिया गया।
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निलंबित विधायकों के सदन से जाने से पहले पॉल और तृणमूल विधायक असीमा पात्रा के बीच तीखी नोकझोंक हुई लेकिन अन्य तृणमूल विधायकों ने इसे बढ़ने से रोक दिया। शंकर घोष और तीन अन्य बीजेपी विधायकों को विधानसभा सुरक्षा कर्मचारी सदन से बाहर ले गए।जब विधानसभाध्यक्ष ने कार्यवाही जारी रखी,तब विपक्ष के नेता सुभेंदु अधिकारी आसन के पास पहुंचे और विधायकों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर विरोध दर्ज कराने की कोशिश की।बंदोपाध्याय ने कहा, ‘‘कृपया सदन से बाहर चले जाइए। यह कोई तरीका नहीं है।’माइक्रोफोन को नुकसान पहुंचाने के लिए कार्रवाई के बारे में तृणमूल कांग्रेस के मुख्य सचेतक निर्मल घोष और मंत्री फिरहाद हकीम की मांगों पर अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मैं इस मुद्दे को देखूंगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’’
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बाद में विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अधिकारी ने आरोप लगाया कि कई बीजेपी विधायकों पर ‘‘दक्षिण 24 परगना में तृणमूल के गढ़ बरुईपुर से लाए गए सुरक्षाकर्मियों के भेष में तृणमूल कार्यकर्ताओं” ने शारीरिक हमला किया।हमले में घोष का चश्मा टूट गया जबकि अन्य विधायकों के निजी सामान को नुकसान पहुंचा। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने ये टूटी हुई वस्तुएं अध्यक्ष की मेज पर रखने की कोशिश की, तो उन्होंने मुझे और मेरे साथ आए अन्य भाजपा विधायकों को तुरंत सदन से चले जाने के लिए कहा। एक तरफ, वह हमारे हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं और दूसरी तरफ, वह विपक्ष की आवाज दबा रहे हैं। हम विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे।
अध्यक्ष ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि विधानसभा के 14 सुरक्षाकर्मी निलंबित विधायकों को सदन से बाहर निकालने की कोशिश के दौरान घायल हो गये।उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है। संसदीय लोकतंत्र में ऐसी चीजें नहीं होनी चाहिए। मैंने विधानसभा सचिवालय से कई कर्मचारियों के घायल होने की रिपोर्ट की जांच करने को कहा है।साथ ही बीजेपी सदस्यों के चश्मे और घड़ी और माइक्रोफोन को हुए नुकसान की रिपोर्ट की भी जांच करने को कहा गया है। अगर नुकसान के आरोप साबित होते हैं तो हम विधायकों के वेतन से पैसे वसूलेंगे।