हिसार: हरियाणा में हिसार जिले के मलापुर गांव के पर्वतारोही रोहताश खिलेरी तथा विद्युत नगर निवासी अनु यादव ने अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलमिंजारों को फतेह कर लिया है।
चोटी फतेह करने के बाद अनु यादव सकुशल वापस नीचे बेस कैंप पहुंच गई है, लेकिन रोहताश खिलेरी चोटी पर 24 घंटे रूकने का रिकॉर्ड बनाने के प्रयास में वहीं रूक गए, जो अभी तक नीचे नहीं पहुंचे हैं।
उनकी तलाश में रेस्कयू टीम निकल चुकी है। मंगलवार को जारी एक बयान में अपनी यात्रा का अनुभव सांझा करते हुए अनु यादव ने बताया कि उन्होंने 17 मार्च को किलमिंजारो नेशनल पार्क से माउंट किलिमंजारो की चढ़ाई की शुरुआत की थी और 19 मार्च को वे शाम को 2 बजकर 10 मिनट पर कीबो हट पहुंच गए थे जो कि 4720 मीटर की ऊंचाई पर है।
वहां पर मुझे हेडेक होना शुरू हो गया था, लेकिन कुछ समय आराम करके रोहताश खिलेरी व उन्होंने रात को करीब डेढ बजे फिर से माउंट किलिमंजारो की चढ़ाई की शुरुआत की।
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इसके बाद करीब 5681 मीटर की ऊंचाई पर गिलमंस पॉइन पर उसकी तबीयत काफी खराब हो गईं थीं और हमें शिखर तक पहुंचना था।
अगले दिन दोपहर के अफ्रीका के टाइम अनुसार दो बजे वे दोनों 5756 मीटर ऊंचार पर स्टेला प्वाइंट तक ही पहुंच पाए। उस समय शाम होने को थी और मौसम भी खराब था, इसलिए उन्होंने वहीं पर रूकने का निर्णय लिया।
इसके बाद 21 मार्च को सुबह 9 बजकर 40 मिनट पर वे माउंट किलिमंजारो की फाइनल चढ़ाई के लिए निकले। अफ्रीका के टाइम 11 बजकर 45 मिनट पर वे दोनों चोटी के शिखर पर पहुंचे और दोनों ने मिलकर अपने देश की आन बान शान तिरंगे झंडे को लहराया।
उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास था कि हमें चोटी पर 24 घंटे रूककर नया रिकॉर्ड बनाना था, लेकिन उसकी तबीयत बहुत ज्यादा खराब थी और सर दर्द हो रहा था। जिसके चलते वह शिखर पर रुकने में सक्षम नहीं थी।
हालांकि ,मौसम सही था, धूप निकली हुई थी, बस थोड़ी हवा चल रही थी और मैंने वापस नीचे जाने का निर्णय लिया। लेकिन उनके गुरू रोहताश खिलेरी ने कहा कि अगर वे अभी नहीं रुके तो उन्हें माउंट एवरेट पर 24 घंटे रूकने की भी परमिशन नहीं मिलेगी और वे कभी यह रिकॉर्ड नहीं बना पाएंगे।
इसलिए वे यह रिस्क उठा रहे हैं। उन्होंने मुझे गाइड के साथ सही सलामत नीचे भेज दिया और वे वहीं पर रूक गए।