Anxiety: मन में आते हैं अपनों से दूर होने के ख्याल तो आप भी हो सकते हैं इस डिसऑर्डर के शिकार

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Anxiety: चाहें फैमिली हो या आपका दोस्त, चाहें आपका प्यार अक्सर उससे दूर जाने के ख्याल आते ही मन बेचैन सा होने लगता है। मन में अजीब से विचार आने लगते हैं और आप डर जाते हैं। ऐसी समस्या तो लगभग हर किसी को ही होती है। सबको लगता है कि ये आम समस्या है लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसे विचार आना कई बार खतरनाक साबित भी हो सकता है, वो कैसे आइए जानते हैं।

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दरअसल, आपके किसी अपने को खोने का डर जब अधिक होने लगता है या यूं कहें कि आप पर हावी होने लगता है तो ऐसी स्थिति में आप सेपरेशन एंग्जाइटी डिसऑर्डर (Separation Anxiety Disorder) के शिकार हो सकते हैं। ये डिसऑर्डर एक प्रकार की मेंटल हेस्थ से जुड़ी समस्या है। इसमें लोगों को अपने किसी करीबी से दूर होने का डर इतना बढ़ जाता है कि वो हर समय बस उसी के बारे में सोचते हैं और उससे एक पल के लिए भी दूर नहीं होना चाहते।

वैसे दुनिया का सबसे खतरनाक भय तो अपने किसी करीबी से दूर जाने का ही होता है। हम किसी से इमोशनली जुड़े होते हैं तो उसके साथ जीवनभर रहने का ख्वाब बुनते रहते हैं। लेकिन अगर आपको ये डर जरुरत से ज्यादा सताने लगे तो आपको सतर्क होने की जरुरत है क्योंकि इसकी वजह सेपरेशन एंग्जाइटी डिसऑर्डर हो सकता है।

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अब आप इस डिसऑर्डर (Disorder) के शिकार हैं या नहीं ये जानने के लिए आपको कुछ लक्षण महसूस होंगे, जैसे-
हमेशा अपने करीबी लोगों के खोने का डर सताता रहता है, ऐसा लगता की आप उनसे दूर होकर नहीं जी सकते। लेकिन हर समय ऐसे विचार आना आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए समस्या का मूल कारण पता लगाने का प्रयास करें। यह जानें कि आपके मन में ऐसे विचार क्यों आ रहे हैं।

अगर आप सेपरेशन एंग्जाइटी से पीड़ित हैं, तो अपनी परेशानियों को किसी करीबी से साझा करें। दूसरों से अपनी भावनाओं को साझा करने से आपका मन हल्का होता है और एंग्जाइटी भी कम होती है। अपना ध्यान दूर भटकाने का प्रयास करें। आपको खुशी देने वाले काम करें। इससे आपका डर दूर हो जाएगा। अपना ध्यान दूर भटकाने का प्रयास करें। खुद को खुशी देने वाले काम करें, आपका डर इससे दूर हो जाएगा। नकारात्मक विचार सेपरेशन एंग्जाइटी डिसऑर्डर के लिए और भी खतरनाक हो सकते हैं, इसलिए जितना हो सके उतना पॉजिटिव रहें, सकारात्मक सोचें और सकारात्मक लोगों के साथ समय बिताएं।

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