Uttarakhand News: उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग को लेकर अल्मोडा के रानीखेत रेंज में तैनात समीक्षा अधिकारी तपस मिश्रा ने कहा कि जंगलों में आग की इंसानों की वजह से लगी है। उन्होंने कहा कि जंगलों में आग की वजह इस इलाके में उगने वाले ज्वलनशील देवदार के पेड़ नहीं हैं।राज्य सरकार के साथ इस इलाके में काम करने वाले पर्यावरण के जानकार जितेंद्र पाठक ने कहा कि जंगली इलाके में आग लगने पर कार्रवाई करने के लिए अलग-अलग जगहों पर बने क्रूज स्टेशनों पर ‘फायर वॉचर्स’ तैनात किए गए हैं।
जितेंद्र पाठक ने कहा वे जंगलों की आग के लिए जिम्मेदार लोगों के पकड़ने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रानीखेत इलाके में जंगल की आग को काबू करने में बड़ी समस्या आ रही है क्योंकि इतनी बड़ी जगह के प्रबंधन के लिए कर्मचारियों की कमी है।”पहली चीज की आग लगे ही ना इस बात का प्रयास हो और जो सबसे महत्वपूर्ण तथ्य हमकों ध्यान में रखना चाहिए कि वन विभाग की जो क्षमता है, वन विभाग का जो संसाधन है 38 हजार वर्ग किलोमीटर में जंगल फैले हैं,
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रानीखेत रेंज के समीक्षा अधिकारी तापस मिश्रा ने कहा कि अधिकांश लोगों का मानना है कि जगंलों में आग लगने का मुख्य कारण जो है वो चीड़ है या… है जबकि तथ्य ये है कि शत-प्रतिशत मामलों में आग लगने के लिए मानव और मानव की गतिविधियां जिम्मेंदार है। जब तक हम विमर्श की दिशा को ठीक नहीं करेंगे। मुझे बड़े दुख के साथ कहना पड़ेगा कि हम उत्तराखंड जंगलों की जो आग है जो हर साल के लिए जो एक समस्या बन गई है एक चुनौती बन गई है उस पर हम काबू नहीं पा सकते हैं।”