अख़बारों किताबों से लेकर सोशल मीडिया के हर प्लेटफार्म पर क्रिसमस मनाया जा रहा है। सभी लोग एक दूसरे को बधाइयां दे रहे है। इसके अलावा भी आज का दिन खास माना जाता है। जिसे जानना भी अहम है। आज हम आपके साथ उस व्यक्ति की कहानी को साझा करने जा रहें है जो इतिहास के पन्नो में सबसे अलग और चहिते माने गए। हम बात कर रहें है भारत देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज 98वी जयंती है। इस मौके पर पर चलिए बताते है उनसे जुड़े खास पलों के बारे में।
25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में जन्मे वाजपेयी जी ने तीन बार देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली। वाजपेयी जी को सन् 2015 में देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। राजनेता होने के साथ ही वे एक कोमल हृदय के कवि भी थे। पूरा देश आज उनकी जयंती मना रहा है। सिर्फ नेता के रूप में ही नहीं बल्कि अपने सौम्य ह्रदय के साथ सुंदर लेखनी के लिए भी वो जाने जाते है।
उनकी लिखी कुछ पंक्तियां इस प्रकार है :
मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं
लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूं
सबके श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपयी का जन्मदिन है। वे एक महान राजनेता थे जिन्होंने देश को असाधारण नेतृत्व दिया। हर भारतवासी के ह्रदय में उनके लिए एक खास स्थान है। वे भारत को हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले गए। अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी भी विवाह नहीं किया। अटल जी की बी०ए० की शिक्षा ग्वालियर के विक्टोरिया कालेज जो वर्तमान में लक्ष्मीबाई कालेज के र्रोप में जाना जाता है में हुई। अटल बिहारी वाजपेयी राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक कवि भी थे।
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मेरी इक्यावन कविताएँ अटल जी का प्रसिद्ध काव्यसंग्रह है। वाजपेयी जी को काव्य रचनाशीलता गुण विरासत में मिले हैं। उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी ग्वालियर रियासत में अपने समय के जाने-माने कवि थे। वे ब्रजभाषा और खड़ी बोली में काव्य रचना करते थे। पारिवारिक वातावरण साहित्यिक एवं काव्यमय होने के कारण उनकी रगों में काव्य शैली का गुण भरपूर था। जिसकी दिवानग पूर्व समय में ही नहीं बल्कि आज भी उसी तरह से बरकरार है।