Brain Memory: कैसे हमारे दिमाग में सालों तक जिंदा रहती हैं यादें, जानिए मानव मस्तिष्क का ये राज

Brain Memory: जब कोई व्यक्ति गलती करता है तो अक्सर हम उन्हें कहते हैं कि दिमाग ने काम करना बंद कर दिया है क्या ? हमारा मस्तिष्क(Brain) हमारे प्रत्येक एक्शन को कंट्रोल करता है, चाहे वो चलना हो, बोलना हो, देखना हो, या किसी चीज़ को याद रखना हो, हमारा सारा काम हमारा मस्तिष्क खुद-ब-खुद करता है। क्या आपने सोचा है कि कैसे सालों पुरानी बातें हम याद रख सकते हैं और कैसे हमारा दिमाग इन बातों को अपने अंदर समेटकर सुरक्षित रखता है? आइए आज दिमाग के विज्ञान को समझते है और देखते हैं कि किस तरह से हमारा मस्तिष्क काम करता है ?

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Brain का कौन सा हिस्सा कैसे करता है काम आइए जानें ?

मानव के दिमाग को विज्ञान के क्षेत्र में मुख्य रूप से तीन हिस्सों में बांटा गया है जिसके द्वारा हमारे शरीर के सारे काम कंट्रोल किए जाते हैं।

सेरेब्रम (Cerebrum)- ये मानव मस्तिष्क का सबसे बड़ा भाग है। यह हमारे दिमाग का सबसे ऊपरी हिस्सा होता है। जो चलने-फिरने, बोलने या कुछ काम करने तथा हमारे जज्बातों और याददाश्त को भी यही हिस्सा नियंत्रित करता है। सेरेब्रम के भी दो भाग होते हैं- जिन्हें दायां गोलार्द्ध और बायां गोलार्द्ध कहा जाता है। इसका दायां हिस्सा शरीर के बाएं हिस्से को कंट्रोल करता है और बायां हिस्सा शरीर के दाएं हिस्से को कंट्रोल करता है। इसीलिए जब कभी भी हमारे बाईं ओर स्ट्रोक आता है तो शरीर का दायां हिस्सा काम करना बंद कर देता है।

ब्रेन स्टेम (Brain Stem)- यह हमारे दिमाग का निचला डंठल जैसा हिस्सा होता है, जो मस्तिष्क को रीढ़ की हड्ड़ी से जोड़ता है। यह हमारे सांस लेने, ब्लड़ प्रेशर, दिल की धड़कन और अन्य आंतरिक गतिविधियों को नियंत्रित करता है। इसी के साथ-साथ यह हमारी आखों और चेहरे के भावों को भी कंट्रोल करता है।

सेरिबैलम (Cerebelum)- यह हमारे मस्तिष्क का  मध्य भाग है, जो ब्रेन स्टेम और सेरेब्रम के बीच में उपस्थित रहता है। हमारे दिमाग का यह हिस्सा हमारे शरीर के संतुलन को नियंत्रित करता है। सेरिबैलम ही मांसपेशियों की क्रियाओं को समयबद्ध करता है जिससे वो सुचारू रूप से काम कर सकें। इसके साथ ही ये ऐसी हरकतें सीखने में मदद करता है जिसमें बारीक ट्यूनिंग और अभ्यास की जरूरत पड़ती है।

ऐसे यादों को जिंदा रखता है हमारा दिमाग

हमारा मस्तिष्क हमारी यादों को दो तरह से याद रखता है। हमारे दिमाग का एक हिस्सा जिसे हिप्पोकैम्पस भी कहा जाता है, वो प्रत्येक याद कि तीन कॉपियां बनाता है, ताकि अगर किसी कारणवश कोई दुर्घटना हो तो यादों को सहेज कर रखा जाए। अगर किसी बड़ी दुर्घटना में व्यक्ति को सिर पर ज्यादा चोट लगती है, तो उसकी यादों की तीन-तीन कॉपियों पर असर पड़ता है, जिसकी वजह से व्यक्ति की याददाश्त तक भी चली जाती है।

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दिमाग में तीन तरह की मेमोरी(यादें) होती है

संवेदी मेमोरी (Sensory Memory): संवेदी मेमोरी अधिकतम कुछ सेकंड या मिनट के लिए ही संग्रहीत होती हैं। जोकि पाँच इंद्रियों श्रवण, दृष्टि, स्पर्श, गंध और स्वाद से आती हैं। ये यादें केवल तब तक ही संग्रहीत होती हैं जब तक इंद्रियां उत्तेजित होती हैं। जैसे- किसी तस्वीर को देखने के बाद कुछ पलों तक उसकी छवि हमारे दिमाग में बनी रहती है।

अल्पकालिक मेमोरी (Short-Term Memory): अल्पकालिक मेमोरी वो होती है जिसमें दिमाग को मिली जानकारी कुछ मिनटों या घंटों या फिर कुछ दिनों के लिए ही संग्रहीत होती है। जैसे- किसी फोन नंबर को याद रखना या किसी बातचीत को याद रखना आदि।

दीर्घकालिक मेमोरी (Long-Term Memory): दीर्घकालिक मेमोरी वह होती है जो कि हमारे मस्तिष्क में काफी लंबे समय तक या यूं कहें कि पूरे जीवन भर संग्रहीत रहती है। जैसे- बचपन की यादें या शिक्षा और प्रशिक्षण आदि।

ये तीनों प्रकार की मेमोरी हमारे दिमाग में एक दूसरे से जुड़ी होती हैं और हमारी यादों को सालों तक संजोए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

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