हमारे जीवन में कुछ यादें होती है जिनको हम भुला नहीं पाते है हम कितनी ही कोशिश क्यों ना कर लें लेकिन चाह कर भी नहीं भुला पाते है। चाहे वह आपका ब्रेकअप हो या फिर कोई हादसा और यही यादें सताने लगती है। जिनको याद करके कुछ तो अपनी जिंदगी बिलकुल ही बर्बाद कर लेते है और कुछ लोग डिप्रेशन में चले जाते है। चलिए अब बात करते है कि क्यों हम इन यादों को भुला नहीं पाते है और यह हमारे दिमाग के किस हिस्से में बस जाती है।
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बता दें कि वैज्ञानिकों का मानना है कि हमारा दिमाग दर्दनाक यादों को एक सुरक्षा तंत्र के रूप में संरक्षित करता है ताकि आगे ऐसी घटनाओं व्यक्ति सावधान हो जाए कई मामलों में पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) के कारण डरावनी यादें फिर से इन पुरानी यादों को ताजा कर देते हैं। इस कारण व्यक्ति बार-बार उन्हीं यादों को याद करता है ये हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकता है जिससे व्यक्ति के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ने लगता है।
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इसके साथ ही आपको बता दें कि हमारे शरीर में एमिग्डाला नाम का हिस्सा यादों से जुड़ी भावनाओं को नियंत्रण में करता है और हिप्पोकैंपस दिमाग को वो हिस्सा है जहां पर सारी यादें बनता है और जब हम किसी भी हादसे का सामना करते है तो एमिग्डाला इन यादों दिमाग में फिक्स कर लेता है। ये सारी यादें लिम्बिक सिस्टम रहती है यह दिमाग का वो हिस्सा होता है जो हमारी पुरानी यादों को हैंडल करता है । इस प्रक्रिया में स्ट्रेस हार्मोन हम भूमिका निभाते हैं। ये हार्मोन डर और तनाव की स्थिति में बढ़ जाते हैं जिस कारण यादें लंबे समय तक दिमाग में बनी रहती हैं।
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