( अवैस उस्मानी )- महिला पहलवानों से कथित यौन शोषण के मामले में राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने सभी पक्षकारों को लिखित दलील 2 हफ्ते में अदालत में जमा करने को कहा है। मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी बृजभूषण सिंह राउज़ एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। सुनवाई के दौरान बृजभूषण के वकील ने मामले में अदालत के क्षेत्राधिकार पर सवाल उठाया। राउज़ एवेन्यु कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 22, 23,24 नवंबर को होगी।
महिला पहलवानों से कथित यौन शोषण के मामले में राउज़ एवेन्यू कोर्ट में ACMM हरजीत सिंह जसपाल की अदालत में सुनवाई के दौरान बृजभूषण के वकील ने दलील रखी। बृजभूषण के वकील ने कहा विदेश में हुई घटना का क्षेत्रधिकार इस अदालत का नहीं बनता है। सुनवाई के दौरान बृजभूषण के वकील अजय अग्रवाल ने कहा कि एक शिकायतकर्ता ने कहा कि 16 अक्तूबर2017 को उसके साथ शोषण हुआ और फिर दुबारा 17 अक्तूबर 2017 को कुश्ती संघ के दफ्तर गई थी उस दिन बृजभूषण दिल्ली में मौजूद नहीं थे। बृजभूषण के वकील ने कहा कि शिकायतकर्ता ने 2022 की बुल्गारिया और कुश्ती संघ के दफ्तर की घटना का ज़िक्र किया है लेकिन कुश्ती संघ के दफ्तर की घटना का ज़िक्र ओवर साइट कमेटी के सामने नहीं किया गया था।
Read Also: राघव चड्ढा निलंबन मामला: SC ने कहा विशेषाधिकार कमेटी के अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं देंगे !
सुनवाई के दौरान बृजभूषण के वकील ने कहा कि विदेश में हुई घटना इस कोर्ट के क्षेत्रधिकार में नहीं आती है। बृजभूषण के वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 1993 के फैसले में कहा था कि अगर कोई घटना भारत के अंदर होती है तभी उसका क्षेत्रधिकार अदालत का बन सकता है। बृजभूषण के वकील ने कहा कि अगर अपराध का कुछ हिस्सा भारत के बाहर और कुछ हिस्सा भारत के अंदर हुआ तो तब भी मुकदमा चलाने के लिए सेकंशन लेना होता है। बृजभूषण के वकील ने कहा कि टॉक्यो ,मंगोलिया, बुल्गारिया, जकार्ता, कजाकिस्तान, तुर्की आदि में हुई घटना का क्षेत्रधिकार इस अदालत के पास नहीं है।