बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित तृतीय स्नातक की पहली पाली की परीक्षा रद्द कर दी गयी है। वहीं छात्रों द्वारा मांग की गयी है की 23 और 24 दिसंबर को हुई तीनों परीक्षा रद्द की जाए। शिक्षा मंत्री ने कहा है की मामले की जांच चल रही है। अगर ऐसा कुछ पाया गया तो आगे भी कार्रवाई की जाएगी। और अगर ऐसा कुछ पाया गया तो बाकि के पेपर भी रद्द किये जा सकते हैं।
एक्सपर्ट्स और विद्यार्थियों द्वारा बाकि के पेपर रद्द करने की मांग इसलिए भी की जा रही है क्योंकि तीनो प्रश्न भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे जबकि परीक्षा केंद्र के अंदर कोई भी डिवाइस ले जाना मना था, साथ ही प्रश्न पत्र को भी ले जाना मनाही था।
बता दें की आर्थिक अपराध इकाई ने 23 दिसम्बर को हुई परीक्षा लिक मामले में कइयों की गिरफ्तारी की साथ ही सघन पूछताछ भी की की। वहीं छात्र नेता दिलीप कुमार से भी आर्थिक अपराध इकाई ने बुलाकर पूछताछ की है। वहीं अभी तक अभ्यर्थियों को इंतजार है कि बाकी दो पालियों की परीक्षा रद्द होती है कि नहीं! वैसे तीनों ही पाली की परीक्षा संदेह के घेरे में है और अभी तक सिर्फ प्रथम पाली की ही परीक्षा रद्द हुई है।
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वहीं देखना ये भी है की अगर ऐसे ही परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लिक होते रहे तो विद्यार्थियों का क्या भविष्य होगा और आने वाले दिनों में इसमें सुधार की कोई गुंजाइश है भी या नहीं। रही बात प्रश्न पत्र लिक होने की तो ये कोई आम आदमी के बस की बात तो है नही, बिना किसी बड़ी पहुंच के ऐसा सम्भव नहीं है। इसलिए बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा भी मिलनी चाहिए। और इसे रोकने के लिए सरकार द्वारा कोई ठोस कदम उठाने चाहिए।