प्रदीप कुमार – संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया। इससे पहले पीएम मोदी ने परंपरा के मुताबिक सत्र से पहले संसद परिसर में मीडिया को बयान जारी किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करना हमारे संविधान और संसदीय परंपरा के लिए गौरव का अवसर है। पीएम मोदी ने कहा कि यह नारी शक्ति और महान आदिवासी परंपरा को सम्मान देने का अवसर है।
अपने बयान में पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति का भाषण भारत के संविधान का गौरव है। भारतीय संसदीय प्रणाली का गौरव और विशेष रूप से आज नारी सम्मान का भी अवसर है और दूर-सुदूर जंगलों में जीवन बसर करने वाले हमारे देश के महान आदिवासी परम्परा के सम्मान का भी अवसर है। न सिर्फ सांसदों को लेकिन आज पूरे देश के लिए गौरव का पल है कि भारत के वर्तमान राष्ट्रपति का पहला उद्बोधन हो रहा है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, अर्थ जगत में जिनकी आवाज को मान्यता होती है वैसी आवाज चारों तरफ से सकारात्मक संदेश लेकर आ रही है। आशा की किरण लेकर आ रही है, उमंग का आगाज लेकर आ रही है। पीएम मोदी ने कहा कि विश्व की आर्थिक क्षेत्र की प्रमुख आवाजें आज भारत के प्रति आशान्वित रुख रखती हैं। भारत के बजट पर न केवल देश की, बल्कि दुनिया की भी नजर है। पीएम मोदी ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी एक महिला हैं और वे कल आम बजट पेश करेंगी।
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पीएम मोदी ने कहा कि, अस्थिर वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों में भारत का बजट आम नागरिकों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करेगा। दुनिया को जो आशा की किरण दिख रही है, उसके लिए मुझे दृढ़ विश्वास है कि निर्मला सीतारमण उन आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सभी प्रयास करेंगी।
पीएम मोदी ने विपक्ष से तकरार की अपेक्षा के साथ ही तकरीर की भी अपेक्षा रखी पीएम मोदी ने विपक्ष से संसद की चर्चा में भागीदार बनने और अपने अनुभवों और बारीक नजर से सत्र में ‘अमृत’ निकालने की अपील की।
पीएम मोदी ने कहा कि, ‘इंडिया फर्स्ट, सिटीजन फर्स्ट’ की सोच को लेकर हम संसद के इस बजट सत्र को आगे बढ़ाएंगे। मुझे उम्मीद है कि विपक्षी नेता संसद के समक्ष अपने विचार रखेंगे।