आज बजट सत्र के शुरू होने के पहले दिन दोनों सभाओं के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति का सम्बोधन हुआ जिसको लेकर विपक्ष सन्तुष्ट नज़र नहीं आया। जिसपर सांसदों के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं। जिसको लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा है की वे उन चीजों को छोड़ रही थीं जिनमें सरकार का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। हम इसके लिए राष्ट्रपति को जिम्मेदार नहीं कह सकते क्योंकि भाषण मौजूदा सरकार ने लिखा था।
शशि थरूर ने ये भी कहा की राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ते लेकिन ऐसा लग रहा था कि भाजपा सरकार अपना अगला चुनाव अभियान उनके माध्यम से चला रही है। पूरा भाषण एक चुनावी भाषण लग रहा था। वे सरकार द्वारा किए गए हर काम की प्रशंसा करने की कोशिश कर रही थी।
वहीं कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर कहा की राष्ट्रपति का अभिभाषण दोहराता है कि सरकार क्या चाहती है और क्या करती है। राष्ट्रपति सरकार का बयान प्रस्तुत करते हैं। फिर भी हम राष्ट्रपति के अभिभाषण का सम्मान करते हैं। सदन में जब चर्चा होगी तब हम अपने विचार रखेंगे। सरकार के खिलाफ बहुत से मुद्दे हैं।
जबकि बीजेपी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर काफी खुश नज़र आयी वहीं केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने AAP और BRS द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बहिष्कार पर कहा की इससे अच्छा गौरव का अवसर नहीं हो सकता जब उस वर्ग की महिला अभिभाषण दे रही हो जिसके लिए आज़ादी का अमृत काल ही तय था। AAP और BRS इस सुंदर अवसर से चूकी है ये उनका दुर्भाग्य था।
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अभिभाषण में न पहुँचने को लेकर क्षमा मांगी और कहा की राष्ट्रपति के अभिभाषण में पहुंचने की बहुत इच्छा थी, लेकिन मौसम के कारण ऐसा नहीं हो सका इसके लिए मैं क्षमा चाहता हूं। बता दें की श्रीनगर से उड़ानों में विलंब के कारण पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और उसके कई अन्य सांसद बजट सत्र के पहले दिन होने वाले राष्ट्रपति के अभिभाषण के अवसर पर उपस्थित नहीं रह सकें।
Read also: सीएम केजरीवाल को मिली जान से मारने की धमकी, दिल्ली पुलिस के छूटे पसीने
बता दें की राष्ट्रपति के संबोधन से पहले ही AAP और BRS द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बहिष्कार का ऐलान किया था जिसमें भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेता के. केशव राव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार के ‘‘शासन के सभी मोर्चों पर विफलता’’ के विरोध में उनकी पार्टी संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेगी। वहीं AAP ने भी अभिभाषण का बहिष्कार करने की बात कही।