CAA: नागरिकता संशोधन कानून CAA को लागू करने को लेकर केंद्र सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन पर अमेरिका की टिप्पणी पर भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने इसे देश का आंतरिक मामला बताया है।
CAA का नोटिफिकेशन जारी के होने के बाद अमेरिका विदेश मंत्रालय की टिप्पणी पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से दो टूक कहा गया है कि जिनके पास भारत की बहुलवादी परंपराओं और क्षेत्र के विभाजन के बाद के इतिहास के बारे में सीमित जानकारी है, उनको इस मुद्दे पर ज्ञान देने का प्रयास नहीं करना चाहिए। इससे पहले नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा था कि वह सीएए के नोटिफिकेशन को लेकर चिंतित है और इस पर नजर बनाए हुए है।
इस पर अब भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।दिल्ली में नियमित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बयान जारी करते हुए कहा है कि यह भारत का आंतरिक मामला है। CAA कानून अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों को सुरक्षित आश्रय देने के लिए है जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आ चुके हैं।यह कानून नागरिकता देने के लिए है, नागरिकता छीनने के लिए नहीं। यह कानून लोगों के मानवीय गरिमा और मानवाधिकारों का समर्थन करता है।
Read Also: EC: नवनियुक्त केंद्रीय चुनाव आयुक्तों ने संभाला पदभार, 7 चरणों में हो सकता है चुनाव !
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा है कि “जहां तक सीएए के नोटिफिकेशन पर अमेरिकी विदेश विभाग के बयान का संबंध है। हमारा मानना है कि यह गलत जानकारी वाला और अनुचित है। भारत का संविधान अपने सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है।अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार को लेकर किसी भी चिंता का कोई आधार नहीं है।संकट में फंसे लोगों की मदद के लिए उठाए गए किसी भी प्रशंसनीय पहल को वोट बैंक की राजनीति से नहीं देखा देना चाहिए।