Chhath Puja Bath: दिल्ली -NCR में बढ़ते प्रदूषण के चलते हवा जहरीली होने लगी है. AQI में काफी ज्यादा गिरावट आई है. बढ़ते प्रदूषण के कारण सुबह -शाम आसमान में धुंध नजर आ रहा है.और दिल्ली -NCR के लोगों को सांस लेने मे काफी परेशानी हो रही है. दूसरी तरफ एक बार फिर यमुना नदी में जहरीला झाग बन रहा है.ये जहरीला झाग लोगों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकता हैं
छठ पर्व के कुछ ही दिन बाकी है. इस पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु यमुना नदी के झाग वाले पानी में नहाते है. जो उनकी सेहत के लिए खतरनाक है. उन्हें कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. आइए जानते हैं यमुना नदी के समेद झाग वाले पानी में नहाना क्यों रिस्की माना जा रहा है…
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यमुना नदी में झाग क्यों बनता है- दिल्ली में जिस जगह से यमुना नदी गुजरती हैं, वहां फैक्ट्रियों की संख्या काफी ज्यादा है. इनसे निकलने वाला केमिकल वेस्ट बिना फिल्टर ही यमुना नदी में मिल जाता है. शहर का गंदा पानी भी बिना फिल्टर यमुना नदी में कई जगहों से मिलता है. जिससे यह पानी काला दिखाई देता है और उसमें झाग भी बनते हैं.
यमुना का सफेद झाग वाला पानी कितना खतरनाक- यमुना नदी में बनने वाले झाग में अमोनिया और फॉस्फेट की काफी ज्यादा मात्रा होती है. ये हानिकारक कार्बनिक पदार्थ हैं. ऑर्गेनिक पार्टिकुलेट मैटर यानी कार्बन के कण निकलते हैं. ये गैसें सीधे वायुमंडल में जाकर नुकसान पहुंचाती है. इसकी वजह से सांस और स्किन से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ता है. इसके अलावा गले में दर्द और आंखों में जलन जैसी गंभीर समस्या हो सकती है.
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यमुना के सफेद झाग के पानी से इन समस्याओं का खतरा- यमुना के पानी से अस्थमा जैसी सांस की गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. इससे स्किन में जनल, भयानक चकत्ते निकलना और खतरनाक तरीके की एलर्जी हो सकती है. यमुना नदी के पानी में फोम में जहरीले केमिकल्स पाए जाते हैं, जिनके संपर्क में लंबे समय तक रहने वालों की लिवर-किडनी को नुकसान पहुंच सकता है. इतना ही नहीं इससे पुरानी बीमारियों को उभरने का खतरा भी रहता है. ऐसे में डॉक्टर्स इससे बचने की सलाह दे रहे हैं.