लखनऊ, (आकाश शेखर शर्मा): उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नूपुर शर्मा के मामले को लेकर अब अपने मंत्रियों को किसी तरह का बयान न देने की हिदायत दी है। इससे पहले यूपी बीजेपी ने अपने प्रवक्ताओं को नुपुर शर्मा मामले को लेकर आयोजित डिबेट में हिस्सा लेने से मना कर दिया था। दरअसल योगी आदित्यनाथ नहीं चाहते कि किसी मंत्री के बयान से उनके लिए मुश्किलें खड़ी हों।
आपको बता दें कि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों से दो टूक कहा है कि नूपुर शर्मा के मामले पर कुछ न बोलें, क्योंकि इस पर संगठन पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर चुका है। कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर सभी मंत्रियों के साथ बैठक की। सूत्रों ने बताया कि इसमें मंत्रियों को संयम बरतने और माहौल खराब करने की कोशिश करने वालों से सावधान रहने को कहा गया, सभी वर्गों के साथ अच्छा व्यवहार करें।
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योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नूपुर शर्मा के बयान का उत्तर प्रदेश से कोई सीधा संबंध नहीं है। उन पर कार्रवाई कर पार्टी नेतृत्व ने अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया है, इसलिए हम सभी की जिम्मेदारी है कि पार्टी लाइन से आगे न जाएं। जहां कहीं भी सभी मंत्रियों की जरूरत हो, वे मर्यादा में रहकर अपना पक्ष रखें, क्योंकि किसी भी मंत्री के बयान को सरकार का बयान माना जाता है। इसी आधार पर सरकार को जनता के बीच संदेश भी भेजा जाता है।
उल्लेखनीय है कि सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने कानपुर और प्रयागराज समेत विभिन्न शहरों में हुए हिंसक प्रदर्शनों पर तीखा बयान दिया था। माना जा रहा है कि इसी का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों को यह सलाह दी है। इससे पहले भाजपा पदाधिकारियों को पार्टी नेतृत्व द्वारा नूपुर शर्मा से जुड़ी घटनाओं पर प्रतिक्रिया नहीं देने का निर्देश दिया गया है। इससे पहले बीजेपी संगठन ने अपने प्रवक्ताओं को ऐसी ही सलाह देते हुए नुपुर शर्मा मामले को लेकर आयोजित डिबेट में हिस्सा न लेने का फरमान जारी किया था।
भाजपा की यूपी इकाई के प्रवक्ताओं को कानपुर और नूपुर शर्मा प्रकरण में हुई झड़पों पर चर्चा करने के लिए समाचार चैनलों द्वारा आयोजित बहस में भाग नहीं लेने के लिए कहा गया है क्योंकि पार्टी बाहर जाने वाली टिप्पणियों के लिए अति सतर्क हो गई है और इसे कैसे प्राप्त किया जाता है। पार्टी ने यह भी कहा था कि प्रवक्ताओं को ऐसा कुछ भी नहीं कहना जिससे किसी भी समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे, जबकि प्रवक्ताओं ने शर्मा को परोक्ष और प्रत्यक्ष समर्थन दोनों दिया।
बीजेपी के एक प्रवक्ता ने बताया कि हमें कानपुर झड़पों पर चर्चा करने वाली बहस में शामिल नहीं होने के लिए कहा गया है। यह देखा गया है कि एंकर अक्सर आपको कुछ कहने के लिए प्रेरित करता है। यदि आप किसी मुद्दे पर टिप्पणी आरक्षित करना चुनते हैं, तो आपके द्वारा अतीत में दिया गया एक बयान आप पर फेंका जाएगा। और आपको कुछ ऐसा कहने के लिए मजबूर किया जाएगा जिससे आप अल्पसंख्यक विरोधी दिखें।