Jammu News : कश्मीर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। घाटी में 40 दिनों तक चलने वाले सबसे कठोर सर्दियों के दिन जिसे चिल्लई कलां कहा जाता है। इसने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है। अमूमन इन दिनों में इलाके में शीत लहर चलती है और तापमान काफी नीचे चला जाता है।चिल्लई कलां’ के दौरान डल झील के साथ-साथ कई जल निकाय जम जाते हैं।हर साल 21 दिसंबर से कश्मीर में सबसे ज्यादा सर्दियों वाले दिन शुरू होते हैं। ‘चिल्लई-कलां’ 30 जनवरी को खत्म होगा। इसके बाद 20 दिन की लंबी अवधि ‘चिल्लई-खुर्द’ आती है जो 30 जनवरी से 19 फरवरी के बीच होती है और 10 दिन की लंबी अवधि ‘चिल्लई-बच्चा’ होती है जो 20 फरवरी से 1 मार्च तक होती है।
Read also-यूपी-बिहार के मजदूरों के बिना दूसरे राज्यों में विकास असंभव- डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव
श्रीनगर के रहने वाले अफनान ने पीटीआई वीडियो को बताया कि ठंड बढ़ने की वजह से बच्चों को ट्यूशन जाने में परेशानी हो रही है साथ ही व्यापारियों को भी बाहर जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।लखनऊ से कश्मीर घूमने गए सैलानी चंदन ने कहा कि वो कश्मीर में पहली बार ऐसा अनुभव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादा कपड़े पहनने के बाद भी काफी ठंड महसूस हो रही है।ठंड की वजह से कुछ इलाकों में पाइप लाइन जमने से पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है। कई इलाकों में बिजली आपूर्ति अनियमित होने से लोग ठंड से बचने के लिए कांगड़ी का इस्तेमाल कर रहे हैं।शुष्क मौसम की वजह से बच्चों और बुजुर्गों में सांस संबंधी समस्याएं भी बढ़ गई हैं।
(Source PTI)