(अवैस उस्मानी) मुखर्जी नगर के कोचिंग सेंटर में कल लगी आग की घटना पर दिल्ली हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया। दिल्ली हाई कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ ने अखबार में छपी खबरों और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे व्हाट्सऐप मैसेज के आधार पर स्वतः संज्ञान लिया। दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले में दिल्ली फायर सर्विसिज, दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और एमसीडी को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। दिल्ली हाई कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी।
दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस जस्मीत सिंह और जस्टिस विकास महाजन की अवकाशकालीन पीठ ने मुखर्जी नगर के कोचिंग सेंटर की आग की घटना पर स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले में दिल्ली फायर सर्विसिज को कोचिंग संस्थानों की इमारतों के फायर ऑडिट करने का निर्देश दिया साथ ही यह भी पता करने का निर्देश दिया कि ऐसे कोचिंग संस्थानों के पास फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट है या नहीं है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने अथॉरिटीज को जवाब देने के लिए दो हफ्तों का वक्त दिया गया। दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस जस्मीत सिंह और जस्टिस विकास महाजन की अवकाशकालीन पीठ ने मामले में मुख्य न्यायधीश की पीठ के पास भेजते हुए कहा कि 3 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश की पीठ मामले में आगे की सुनवाई करेगी।
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मुखर्जी नगर के कोचिंग सेंटर में कल की एक इमारत में आग लग गई थी। दिल्ली पुलिस के अनुसार आग इमारत के बिजली के मीटर से लगना शुरू हुई और धुआं दूसरी मंजिलों तक फैल गया, धुआं निकलते ही पूरी बिल्डिंग में अफरा-तफरी मच गई जिसके बाद छात्रों ने खिड़कियों से बिल्डिंग से बाहर आने की कोशिश की और उनमें से कुछ को चोटें आईं। हादसे में घायल 60 लोगों को इलाज के लिए 3 अस्पतालों में भर्ती कराया गया था, जिसमें से लगभग 50 लोगों को कल रात में ही डिस्चार्ज कर दिया गया। घटना के समय बिल्डिंग में संचालित विभिन्न कोचिंग सेंटरों में 200-250 छात्र मौजूद थे। घटना के समय छात्रों को खिड़कियों के माध्यम से बाहर निकलते हुए देखा गया। खिड़की से निकले छात्र अपना बैग फेंकते और एक-दूसरे की मदद करते नजर आए।