दिल्ली। (रिपोर्ट- दिवांशु मल्होत्रा) अगर आप बिजनेसमैन है और आप कैश के लेनदेन में अपने कर्मचारियों पर आँख मूंदकर विश्वास करते हैं तो ये खबर आपके लिए ही है। जी हां, क्योंकि दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे शख्स को 2 साल की कड़ी मशक्कत के बाद गिरफ्तार किया है जो अपने मालिक को 49 लाख रुपए की चपत लगाकर फरार हो गया था।
आपको बता दें, दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जो अपने कंपनी के मालिक को 49 लाख रुपए की चपत लगाकर फरार हो गया था। दरहसल दिल्ली पुलिस के सेंट्रल जिले के स्पेशल स्टाफ ने करीब 2 साल पहले हुई 49 लाख की चोरी की गुत्थी को सुलझा लिया है। पुलिस ने करीब 2 साल बाद राजीव मिश्रा नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है, जोकि एक प्राइवेट कंपनी में कर्मचारी था।
करीब 2 साल पहले सितंबर 2018 में शालीमार बाग इलाके में देवी दयाल नाम के शख्स ने जो एक प्राइवेट कंपनी के मालिक हैं उन्होंने अपने कर्मचारी राजीव को करीब 11 लाख रुपए पीरागढ़ी किसी को देने के लिए भेजा था, लेकिन राजीव पार्टी के पास काफी देर तक नहीं पहुंचा और उसका फोन भी स्विच ऑफ हो गया। फिर कंपनी के मालिक देवीदयाल को शक हुआ जिसके बाद देवी दयाल ने दफ्तर में रखी बाकी की रकम चेक की तो उसमें से भी करीब 38 लाख रुपए गायब मिले, तब देवीदयाल का शक यकीन में तब्दील हो गया कि राजीव उनका करीब 49 लाख रुपए लेकर फरार हो गया है। देवी दयाल के पास राजीव पिछले 15 सालों से काम करता था।
शालीमार बाग थाने में कंपनी मालिक देवी दयाल की शिकायत दर्ज करने के बाद पुलिस ने अपनी जांच शुरू की। दर्जनों सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। ना केवल लोकल पुलिस बल्कि नॉर्थ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट का स्पेशल स्टाफ, क्राइम ब्रांच ये सब भी राजीव की तलाश में जुटी हुई थी लेकिन किसी को राजीव का कोई सुराग नहीं मिला। राजीव पर फरवरी 2019 में दिल्ली पुलिस ने 50 हजार का ईनाम भी घोषित किया और कोर्ट ने उसको भगोड़ा घोषित कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए बीती 21 अगस्त को डीसीपी सेंट्रल संजय भाटिया ने इस ऑपरेशन की जिम्मेदारी अपने स्पेशल स्टाफ को दी जिसका नेतृत्व इंस्पेक्टर ललित कुमार कर रहे थे।
इंस्पेक्टर ललित कुमार की टीम जिसमें एएसआई योगेंद्र, कॉन्स्टेबल अमित और कॉन्स्टेबल महेंद्र शामिल थे। ठीक 2 दिन बाद कॉन्स्टेबल अमित को ये खुफिया जानकारी मिली की राजीव गुजरात के सूरत में एक फैक्ट्री में काम कर रहा है हालांकि यह जानकारी 100% पुख्ता नहीं थी लेकिन कॉन्स्टेबल अमित अपनी पूरी टीम के साथ गुजरात के सूरत पहुंचे जहां उन्होंने कई दिन की मशक्कत के बाद दर्जनों फैक्ट्रियों की खाक छानी और सैकड़ों कर्मचारियों से पूछताछ की। इसी बीच पुलिस ने एक कर्मचारी को हिरासत में लिया जो पिछले सात आठ महीनों से फैक्ट्री में काम कर रहा था और अपने साथी कर्मचारियों से फोन लेकर अपने परिवार से बातचीत करता था। जिसके बाद पुलिस ने उसकी तस्वीर लेकर कंपनी मालिक देवी दयाल को भेजी, जिससे बाद राजीव की पहचान हुई और वो दिल्ली पुलिस के हत्थे आखिरकार चढ़ ही गया। जब टोटल न्यूज़ ने राजीव से सवाल किया कि आखिर क्यों उसने अपने मालिक को धोखा दिया और 49 लाख रुपए लेकर फरार हो तो उसने कहा इतनी मोटी रकम देखकर उसकी नियत बदल गई थी। फिलहाल पुलिस ने राजीव को गिरफ्तार कर लिया है और अब पुलिस का मकसद है चोरी की हुई रकम को बरामद करना, जिसको राजीव झारखंड में अपने एक रिश्तेदार के पास रखकर गुजरात फरार हो गया था।