भारतीय पत्रकार बना चीन का जासूस, 40 लाख में बेच दी 40 साल की पत्रकारिता !

नई दिल्ली (रिपोर्ट- दिवांशु मल्होत्रा)– पैसों के लालच में देश की बेहद महत्वपूर्ण, खुफिया एवं संवेदनशील जानकारियां दुश्मन देश चीन को बेचने के आरोप एक फ्रीलान्स पत्रकार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है। राजीव शर्मा नाम के इस पत्रकार का ये नेक्सस पिछले 4 सालों से चल रहा था।
पैसों के लालच में देश की बेहद महत्वपूर्ण, खुफिया एवं संवेदनशील जानकारियां दुश्मन देश चीन को बेचने के आरोप एक फ्रीलान्स पत्रकार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है। राजीव शर्मा नाम के इस पत्रकार का ये नेक्सस पिछले 4 सालों से चल रहा था। लगभग 40 साल पत्रकारिता करने वाले राजीव शर्मा ने 2010 के बाद फ्रीलांसिंग शुरू की और चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के लिए भी आर्टिकल लिखने का काम कर रहा था। जासूसी कांड के 2 और किरदारों को दिल्ली पुलिस ने पकड़ा है जिनमे एक चीनी महिला और नेपाली नागरिक को भी इसकी निशानदेही पर पकड़ा गया है।

40 लाख में बेंच दी 40 साल की पत्रकारिता !

पुलिस की जांच में ये भी खुलासा हुआ है कि राजीव शर्मा ने अपने देश की जानकारियां देने की एवज में 40 लाख रुपए लिए जो इसे एक फर्जी शैल कंपनी की आड़ में हवाला और वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफर के जरिये मिले। दरअसल राजीव शर्मा दिल्ली के एक जाने माने पत्रकार है जो पिछले 40 सालों से पत्रकारिता कर रहे थे। इसी नाते राजीव शर्मा का मंत्रालय में आसानी से आना जाना था। इतने सालों के अनुभव का राजीव खबरे निकालने  में कम जासूसी में ज्यादा कर रहे थे। दरअसल साल 2016 तक सब कुछ ठीक था। उसी दौरान सोशल साइट लिंकेडीन के जरिये चीनी नागरिक माइकल के संपर्क में आया, माइकल ने राजीव को चीन बुलाया।
इसके बाद दोनों की मुलाक़ात चीन के कनमिंग शहर में हुई। जहां पर राजीव का किसी सनी मीडिया कंपनी में इंटरव्यू की बात कही गयी। इस मीटिंग में माइकल ने अपने एक जूनियर जोऊ के साथ परिचय कराया और राजीव को चीन और भारत के संबंध और उससे संबंधित जानकारियां देने की बात कही। राजीव का संपर्क 2016 से 2018 तक माइकल से रहा। इस दौरान डोकलाम में भारत चीन आमने सामने थे। इसी को लेकर भारत की स्ट्रैटेजी और डिप्लॉयमेंट को लेकर जानकारियां देने को कहा। जो राजीव ने माइकल को उपलब्ध भी करवाई। इसको लेकर मालदीव और लाओस में इन तीनो की भी मीटिंग हुई थी।

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जनवरी 2019 में राजीव एक और चीनी नागरिक जोर्ज के संपर्क में आया और इसने काठमांडू होते हुए एक बार फिर कनमिंग में मीटिंग की। जॉर्ज चीनी मीडिया कंपनी जनरल मैनेजर के तौर पर मिला। जॉर्ज ने राजीव को दलाई लामा से संबंधित आर्टिकल लिखने की एवज में 500 अमेरिकी डॉलर देने की पेशकज की। जॉर्ज ने। ये पैसा दिल्ली के महिपालपुर में एक शेल कंपनी के जरिये देने की बात कही। ये कंपनी एक चीनी महिला ज़िंग चला रही थी। राजीव शर्मा को 10 किश्तों में 30 लाख से ज्यादा पैसे ट्रांसफर किये गए। ये पैसे केवल पिछले डेढ़ साल यानी कि जनवरी 2019 से सितंबर 2020 के बीच दिए गए।। इन मीटिंगों के अलावा भी अलग अलग देशों में भी जॉर्ज और राजीव की मीटिंग हुई।
पूछताछ में पता लगा कि कई विदेशी इंटेलिजेंस के जरिये शैल कंपनी के जरिये पैसे दिए जा रहे थे। इसमे से एक कंपनी जैंग चैंग और उसकी पत्नी चैंग ली लिया ये चला  थे। इनकी कंपनियों का नाम एम जे फार्मेसी और एम जे मॉल्स थे। इन्होंने अपने फर्जी नाम सूरज और उषा रखे हुए थे। ये दोनों अभी चीन में रह रहे है इनकी जगह ये कंपनी चीनी महिला ज़िंग शी और राज बोहरा जो नेपाली नागरिक चला रहे थे। ये दोनों ही इस फार्मेसी कंपनी के डायरेक्टर है। इन दोनों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है
पुलिस ने इन तीनो के पास से 10-12 मोबाइल फोन, पासपोर्ट, लैपटॉप और कुछ डॉक्युमेंट भी बरामद किए ही। पुलिस अब जांच कर ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इनको संवेदनशील जानकारियां देने में किसी अंदरूनी शख्श का तो हाथ नहीं था.

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