(अवैस उस्मानी): दिल्ली के जंतर मंतर पर 200 किसानों के साथ किसान महापंचायत करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई टल गई। सुप्रीम कोर्ट में अब एक महीने के बाद मामले की सुनवाई होगी। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि अब याचिका सुवनाई योग्य है, इसमें अब कुछ नहीं बचा है, तकनीकी मुद्दों पर सुनवाई करना कोर्ट का समय बर्बाद करना होगा। केंद्र सरकार ने कहा कि मामले में अब कुछ नहीं बचा है याचिका को खरिज करदेना चहिये।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से वकील ने कहा कि हां वह MSP को लेकर जंतर मंतर पर प्रदर्शन करना चाहते हैं। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि हमारे प्रदर्शन करने का अधिकार प्रभावित हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा किस तरह से आपके प्रदर्शन करने के अधिकार का उल्लंघन हुआ। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि दूसरों को प्रदर्शन की इजाज़त दी जाती है हमको नहीं मिली।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा आपने 2021 में याचिका दाखिल किया था यह 2022 चल रहा है याचिका में अब कुछ नहीं बचा है। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा हमने कई बार मेंशानिग किया लेकिन मामला सुनवाई के लिए नहीं आया, हम अभी भी MSP समेत अन्य मुद्दे पर प्रदर्शन करना चाहते हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में जंतर- मंतर पर किसानों को किसान महापंचायत की इजाज़त देने की मांग की थी।
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सितंबर 2021 में कृषि कानून के प्रदर्शन के दौरान किसानों के इस समूह ने सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली के जंतर-मंतर पर सत्याग्रह की इजाजत मांगी है। याचिका में 200 किसानों के अनिश्चितकालीन सत्याग्रह की अनुमति देने के लिए केंद्र, LG और दिल्ली पुलिस को आदेश देने की मांग की थी। राजस्थान के किसानों के समूह किसान महापंचायत ने कहा कि उसे भी जंतर-मंतर पर सत्याग्रह की अनुमति दी जाए, जिस तरह संयुक्त किसान मोर्चा को अनुमति दी गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून को वापस ले लिया था। जिसके बाद किसानों ने अपना कृषि कानून के विरोध का प्रदर्शन वापस ले लिया था।
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