(दिवाँशी)- GLOBAL WARMING UPDATE-रटगर्स यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में हुए अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में पाया गया कि जलवायु परिवर्तन के कारण दुनियाभर के महासागरों में बढते तापमान के कारण ऑक्सीजन में कमी आ रही है।शोधकर्ताओं ने इसका खुलासा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इतिहास में किए गए आंकड़ों के आधार पर किया है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि ये कम होती ऑक्सीजन कोई चिंता का विषय नहीं है, इसकी स्थिति में भविष्य में अपने आप सुधार होगा।
जर्नल नेचर में प्रकाशित अध्ययन
जर्नल नेचर में प्रकाशित अध्ययन में 1.6 करोड़ साल पहले मियोसीन युग के आंकड़ों पर हुए अध्ययन के अनुसार, महासागरों के प्रमुख क्षेत्रों में पहले ऑक्सीजन का स्तर बहुत ज्यादा हुआ करता था। शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह जानकारी इसलिए भी अहम है क्योंकि वह युग पृथ्वी के उस दौर के रूप में पहचाना जाता है, जब तापमान अब के समय से भी ज्यादा हुआ करता था। अध्ययन में ये भी कहा गया कि मियोसिन युग में वैसे तो मौसम शीर्ष गर्मी का रहता था, लेकिन महासागर के प्रमुख क्षेत्र ऑक्सीजन के लिहाज से बेहद समृद्ध थे। ये ऑक्सीजन स्तर उसी प्रकार से था, जैसे आज के समय में दक्षिण प्रशांत के खुले इलाकों में रहता है।
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शोधकर्ताओं का कहना है कि ये नतीजे असंभावित थे, इस आधार पर ये कहा जा सकता कि हाल के दशकों में जो घुलनशीलता से ऑक्सीजन की हानि हुई है, उससे जलवायु और महासागरों को कोई नुकसान नहीं होगा।