DUSU election– एबीवीपी ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डुसू) के चार केंद्रीय पैनल पदों में से तीन पर जीत हासिल की। कांग्रेस की छात्र शाखा एनएसयूआई ने एक पद पर जीत दर्ज की। अधिकारियों ने ये जानकारी दी।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के तुषार डेढ़ा ने एनएसयूआई के हितेश गुलिया को हराकर डीयूएसयू अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की। कांग्रेस छात्र विंग के अभि दहिया ने उपाध्यक्ष पद पर जीत हासिल की।
एबीवीपी की अपराजिता ने सचिव और सचिन बैसला ने संयुक्त सचिव पद पर जीत हासिल की। डुसू के केंद्रीय पैनल के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव पदों के लिए वोटों की गिनती शनिवार शाम को खत्म हुई। चुनाव शुक्रवार को हुआ था। डुसू चुनाव में हमेशा एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच सीधी टक्कर रही है। 2019 के चुनाव में भी एबीवीपी ने चार में से तीन सीटें जीती थीं।
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आखिरी बार डुसू चुनाव 2019 में हुए थे। कोरोना की वजह से 2020 और 2021 में चुनाव नहीं हो सके।शैक्षणिक कैलेंडर में व्यवधानों से 2022 में चुनाव नहीं हो सके। इस साल चार पदों के लिए चौबीस उम्मीदवार मैदान में थे। चुनाव के मुख्य चुनाव अधिकारी चंद्र शेखर ने कहा कि विश्वविद्यालय में 42 फीसदी मतदान हुआ। चुनाव में करीब एक लाख छात्र मतदान करने के पात्र थे। मतदान का प्रतिशत 2019 की तुलना में ज्यादा था। 2019 में 39.90 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था। 2018 में मतदान 44.46 फीसदी और 2017 में 42.8 फीसदी था। केंद्रीय पैनल के लिए 52 कॉलेजों और विभागों में चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के जरिए हुए, जबकि कॉलेज यूनियन चुनावों के लिए कागज के मतपत्रों पर मतदान हुआ।
चुनाव में छात्रों के लिए फीस बढ़ोतरी, किफायती आवास की कमी, कॉलेज समारोह जैसे मुद्दे मुख्य थे। एबीवीपी, कांग्रेस से जुड़ी एनएसयूआई, सीपीआईएम समर्थित एसएफआई और सीपीआई (एमएल) से जुड़ी एआईएसए ने सभी चार केंद्रीय पदों के लिए उम्मीदवार खड़े किए थे।डुसू विश्वविद्यालय के कॉलेजों और फैकल्टीज का मुख्य प्रतिनिधि निकाय है। हर कॉलेज का अपना छात्र संघ भी होता है, जिसके चुनाव हर साल होते हैं।