गेंहू बिजाई के सीजन में किसानों को हुई खाद की समस्या को लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधि कृषि अधिकारी से मिले

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(राहुल सजवानी): गेंहू बिजाई का सीजन आते ही किसानों को डीएपी खाद नही मिल रहा। इसी समस्या को लेकर भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप का प्रतिनिधि मंडल यमुनानगर के डीसी और कृषि अधिकारी को मिला। उन्होंने डीएपी खाद को लेकर आ रही समस्या को अधिकारियों के सामने रखा और जल्द इस समस्या को हल करने की मांग की। किसान यूनियन के नेताओं ने कहा कि एक तरफ सरकार कहती है कि डीएपी खाद की कोई कमी नही है। लेकिन फसल बिजाई के समय हर बार किसानों को ऐसे ही परेशान होना पड़ता है। लंबी लंबी कतारों में लगना पड़ता है। आज भी हमे कोई संतोष जनक आश्वासन नही मिला। यदि जल्द ही ये समस्या हल नही हुई और किसानों को डीएपी खाद नही मिली तो हमे मजबूरन सड़कों पर उतरना पड़ेगा।                                         News hindi,

वहीं इस मामले में कृषि अधिकारी का कहना है कि किसानों को किसी प्रकार की समस्या नही आएगी। पर्याप्त मात्रा में डीएपी आ रहा है। किसान यूनियन को डीलर्स की लिस्ट भी दे दी गई है। जिसमें पूरी जानकारी है कि किस डीलर के पास कितने बैग उपलब्ध है। कुछ देरी हो सकती है लेकिन पूरे सीजन में डीएपी को लेकर कोई परेशनी नही होने दी जाएगी।

डीएपी खाद की समस्या को लेकर भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष संजू गुंदियाना ने बताया कि आज हम इस मामले को लेकर डीसी यमुनानगर और कृषि अधिकारी से मिले है। लेकिन समस्या का कोई हल होता हुआ नजर नही आ रहा। संजू ने बताया की गेहूं ,सरसों और आलू बिजाई का काम चल रहा है। लेकिन किसान को बिजाई के लिए डीएपी खाद नहीं मिल रहा। हर बार जब फसल बिजाई का समय होता है डीएपी खाद की कमी आती है।

सरकार समय रहते समस्या का हल नहीं करती। सरकार के कृषि मंत्री बयान करते हैं कि हमारे पास पर्याप्त मात्रा में डीएपी खाद है। लेकिन जिले में जितने कोऑपरेटिव सोसाइटी हैं किसी एक में भी डीएपी खाद नहीं है हमे खाद वहां चाहिए। जहाँ किसान का लेनदेन चलता है। हमे फसल पर पैसे देने पड़ते है और हमे बिना ब्याज के खाद मिलता है। बाजार से किसानों को अधिक दामों पर डीएपी खाद खरीदना पड़ रहा है।

ईफको के गोदाम पर केवल 1500 बैग आये और डीएपी खाद लेने के लिए लंबी लंबी लाइनें लग रही है । प्राइवेट में कहते है कि खाद पड़ा लेकिन वो लोग जबरन जिंक,सल्फर या दूसरा खाद थोपते है और ब्लैक में हमे मिल रहा है। एक नकली डीएपी की फैक्ट्री भी पकड़ी गई थी लेकिन उसने जो खाद बनाया वो भी तो मार्किट में गया होगा किसानों को नकली खाद मिल रहा है और किसानों की फसलों में अब वह पैदावार क्षमता कम हो रही है। सरकार से अनुरोध है कि जल्द से जल्द डीएपी खाद की कमी को पूरा किया जाए। नही तो मजबुरन पिछले बार की तरह हमे सड़को पर उतरना पड़ेगा। इसलिए हम यही मांग करते है कि जल्द सभी केंद्रों पर डीएपी खाद उपलब्ध करवाई जाए।

डीएपी खाद की समस्या पर उप कृषि निदेशक डॉ प्रदीप मिल ने बताया कि जिले में लगभग 85 हजार हेक्टयर में गेंहू की बिजाई होती हैं। उसके लिए 10 से 12 हजार एमटी डीएपी की पूरे सीजन में जरूरत रहती है। एक अक्टूबर से अब तक 5500 एमटी के करीब डीएपी आया है और 2300 एमटी का स्टॉक है। ये जरूर हो सकता है कि सभी डीलर्स सभी पेक्ट्स के पास डीएपी न हो और एक दिन किसी किसान को न भी मिले ऐसा नही है कि डीएपी खाद की कोई किल्लत है न ही पूरे सीजन में किसी को कोई समस्या आएगी।

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लेकिन कुछ समय के लिए कुछ घण्टों के लिए थोड़ा बहुत सप्लाई आगे पीछे होने की वजह से थोड़ी देर हो सकती है। कुछ कंपनियों के साथ हमने मीटिंग भी की है और बात भी की है। सारी कम्पनियां लगी हुई है कि 31 तारीख तक सब नॉर्मल हो जाये। भारतीय किसान यूनियन के लोग भी मिले थे उन्हें भी कार्यालय से लिस्ट उपलब्ध करवा दी है और स्टॉक के बारे में बता दिया गया है।

किसान यूनियन को जानकारी देने के साथ साथ यह भी कहा गया है कि यदि उनके किसी किसान साथी को की जानकारी नहीं है तो इस लिस्ट के माध्यम से उनको भी जानकारी उपलब्ध करवा सकते हैं। लिस्ट में पूरी जानकारी है कि किस डीलर के पास कितने डीएवी बैग हैं। पारदर्शिता से विभाग काम कर रहा है और किसानों को किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी। अब देखना होगा कि सरकार और कृषि विभाग के दावे कितने पुख्ता सबूत होते हैं क्योंकि किसानों का यह कहना है कि डीएपी के लिए हर बार कतारें लगती है और इस बार सीजन की शुरूआत में ही डीएपी नहीं मिल रहा।

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