( सत्यम कुशवाह ), लखनऊ- उत्तर प्रदेश के विकास के लिए योगी सरकार ने सोमवार को विधान सभा में वित्तीय वर्ष (2024-2025) का बजट प्रस्तुत कर दिया है। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने प्रदेश के उत्थान के लिए 7.36 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। ये चालू वित्त वर्ष के 6.90 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। प्रदेश के मुखिया सीएम योगी ने बजट पेश होने के बाद कहा कि यह बजट प्रभु श्री राम को समर्पित है।
आपको बता दें, योगी सरकार ने सोमवार को विधान सभा में वित्तीय वर्ष (2024-2025) का बजट उत्तर प्रदेश के विकास के लिए पेश कर दिया है। प्रदेश के मुखिया सीएम योगी ने बजट पेश होने को लेकर कहा कि “यह बजट प्रभु श्री राम को समर्पित है…जेहि महुँ आदि मध्य अवसाना। प्रभु प्रतिपाद्य राम भगवाना।। आज का बजट जोकि हमारे वित्त मंत्री जी ने प्रस्तुत किया है वह बजट प्रभु श्री राम को प्रस्तुत करते हुए लोकमंगल की भावनाओं को समर्पित है। उन्होंने कहा, “उनके विचार में, उनके संकल्प में, एक शब्द में श्री राम हैं क्योंकि श्री राम लोगमंगल के पर्याय हैं और ये बजट भी लोकमंगल को समर्पित करते हुए प्रदेश के संतुलित और समग्र विकास का उत्तर प्रदेश का आर्थिक दस्तावेज है।” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आस्था, अंत्योदय और अर्थव्यवस्था को समर्पित हमारा आज का बजट, उत्तर प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट है।
वहीं बजट पेश होने से पहले सीएम योगी ने वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के साथ हुई मुलाकात को लेकर कहा था कि “उत्तर प्रदेश के बजट 2024-25 के सदन में प्रस्तुत होने के पूर्व प्रदेश के माननीय वित्त मंत्री श्री @SureshKKhanna जी से भेंट हुई। आज सदन में उनके द्वारा प्रस्तुत किया जाने वाला ‘पेपरलेस’ बजट नए उत्तर प्रदेश में ‘रामराज्य’ की आधारशिला बनेगा। जय श्री राम!”
उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट पेश करते हुए सुरेश खन्ना ने कहा कि ” प्रदेश में संगठित अपराध का सफाया हो चुका है और औद्योगिक क्षेत्र तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है और हमने इस नैरेटिव को सिरे से खारिज कर दिया कि उत्तर प्रदेश एक बीमारू प्रदेश है। ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ तथा ‘एक जनपद-एक उत्पाद कौशल उन्नयन टूल किट योजना’ के अंतर्गत लगभग 4.08 लाख रोजगार सृजित हुए हैं। प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत प्रदेश में 09 करोड़ खातों के साथ उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। प्रदेश के सभी 75 जनपदों में नि:शुल्क डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है एवं सरकारी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों में एमबीबीएस की सीटों की संख्या 1,840 से बढ़कर 3,828 हो गई है। मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath के अब तक के कार्यकाल में 07 वर्ष से भी कम अवधि में 1,61,962 व्यक्तियों को चिकित्सा सहायता हेतु 2,765 करोड़ स्वीकृत किए जा चुके हैं। पंडित दीन दयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के अंतर्गत आबद्ध निजी चिकित्सालयों में कैशलेस उपचार की व्यवस्था की गई है, जिस पर कुल 150 करोड़ का व्यय भार अनुमानित है।
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उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में एफडीआई, फार्च्यून ग्लोबल 500 और फॉर्च्यून इंडिया 500 कंपनियों के निवेश को आकर्षित करने के लिए फॉरेन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट एवं प्रोत्साहन नीति-2023 घोषित की। शहर और कस्बों में ट्रैफिक जाम की समस्या के समाधान के लिए शहरों में फ्लाईओवर आदि के निर्माण हेतु 1,000 करोड़ की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1,000 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है। अप्रेंटिसशिप के माध्यम से युवाओं को उद्योगों में भत्ते के साथ प्रशिक्षण प्रदान किए जाने के क्रम में मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 70 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है।
उत्तर प्रदेश सरकार किसानों के उत्थान पर विशेष ध्यान दे रही है। डार्क जोन में नए निजी नलकूप कनेक्शन देने पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा लिया है, जिससे एक लाख किसानों को सीधा फायदा होगा। वहीं, बुंदेलखंड में एकल रबी फसल की सिंचाई हेतु सीजनल टैरिफ का लाभ एवं अस्थाई विद्युत संयोजन की सुविधा भी प्रदान की गई है। उत्तर प्रदेश सरकार अक्टूबर, 2023 तक 37 लाख किसानों को किसान क्रे़डिट कार्ड वितरित कर चुकी है। वहीं, फसल बीमा योजना के अंतर्गत अक्टूबर, 2023 तक 10 लाख कृषकों को 831 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान भी किया जा चुका है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत दिसंबर, 2023 तक 2.62 करोड़ कृषकों के खातों में 63,000 करोड़ की धनराशि ट्रांसफर की जा चुकी है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार, प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना के अंतर्गत लघु एवं सीमांत किसानों को 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर 3000 की मासिक पेंशन की सुविधा भी देगी। उत्तर प्रदेश सरकार कृषकों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। सरकार द्वारा वर्ष 2017 से 29 जनवरी, 2023 तक 46 लाख गन्ना किसानों को 2.33 लाख करोड़ से अधिक का गन्ना मूल्य भुगतान किया गया है।
इसके साथ ही महिला सशक्तिकरण को चरितार्थ करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 200 उत्पादक समूहों के गठन का लक्ष्य रखा है। वहीं, उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के अंतर्गत जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को 1 लाख से 10 लाख की आर्थिक क्षतिपूर्ति भी दे रही है। प्रदेश सरकार 55 लाख वरिष्ठ नागरिकों को प्रतिमाह 1000 की दर से वृद्धावस्था पेंशन दे रही है। साथ ही, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत एक जोड़े के विवाह पर 51,000 अनुदान भी दे रही है। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत MSME सेक्टर में अभी तक 22.38 लाख लाभार्थी लाभांवित हो चुके हैं और 1,79,112 नौकरियां सृजित हुई हैं। सरकार की दूरदर्शी नीतियों के चलते ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ वित्त पोषण योजना के अंतर्गत 13,597 लाभार्थियों के माध्यम से 1,92,193 रोजगार सृजित हुए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार युवाओं को स्किल्ड करने पर विशेष ध्यान दे रही है। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के अंतर्गत 12.15 लाख युवाओं को प्रशिक्षण देते हुए 4.13 लाख नौजवानों को विभिन्न कंपनियों में सेवायोजित किया गया है।
महात्मा गांधी नरेगा योजना के अतंर्गत वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 28.68 करोड़ मानव दिवस सृजित करते हुए 75.24 लाख श्रमिकों को रोजगार प्रदान किए गए हैं। निर्माण कामगार मृत्यु एवं दिव्यांगता सहायता योजना के अंतर्गत नवंबर, 2023 तक 40,183 कामगार लाभांवित हुए हैं और 433 करोड़ की धनराशि व्यय की गई है। उत्तर प्रदेश के इतिहास के सबसे बड़े बजट में महिला एवं बाल विकास समेत चिकित्सा स्वास्थ्य को प्रमुखता से रखा है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 7,350 करोड़ का प्रावधान किया गया है। साथ ही, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना के अंतर्गत ग्रामीण/शहरी क्षेत्र में विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यों के लिए ₹952 करोड़ की व्यवस्था की गई है। दिव्यांगजन सशक्तिकरण के अंतर्गत दिव्यांग पेंशन योजना हेतु 1,170 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रदेश के सभी 75 जनपदों में 1,89,796 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से 6 माह से 6 वर्ष की आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं के सर्वांगीण विकास की योजनाओं का संचालन कराया जा रहा है।
वहीं स्टांप एवं पंजीकरण से राजस्व संग्रह का लक्ष्य ₹35,651 करोड़ 93 लाख निर्धारित किया गया है एवं वाहन कर से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 12,504 करोड़ 73 लाख रुपये निर्धारित किया गया है। इसके बाद वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री @narendramodi जी एवं माननीय मुख्यमंत्री @myogiadityanath जी, केंद्रीय मंत्रिपरिषद के माननीय सदस्यों और प्रदेश की मंत्रिपरिषद के अपने सभी माननीय सदस्यों का अत्यंत आभारी हूं।