Finance News- वित्त मंत्रालय ने जीडीपी के आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए जाने की आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा कि उसने आर्थिक वृद्धि की गणना के लिए आय के अनुमानों का इस्तेमाल करने की नियमित प्रक्रिया का पालन किया है। मंत्रालय ने कहा कि कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने पहली तिमाही के आंकड़ों को देखने के बाद अपने पूर्वानुमानों में संशोधन किया है।…..Finance News
मंत्रालय ने कहा कि आलोचकों को वृद्धि का आकलन करने के लिए परचेसिंग मैनेजर के डेटा, बैंक क्रेडिट ग्रोथ, कैपिटल एक्सपेंडिचर में वृद्धि और कंजम्पशन पैटर्न जैसे दूसरे आंकड़ों पर गौर करना चाहिए।
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इनकम या प्रोडक्शन अप्रोच के अनुसार वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि सालाना आधार पर 7.8 प्रतिशत थी।
मंत्रालय ने ये प्रतिक्रिया तब दी है जब इससे पहले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि निवेश और निर्यात भी बड़े ही नाटकीय रूप से मंद पड़ गया है, जो अधिकतर भारतीय नागरिकों की इस स्थिति को बताता है कि ‘‘सब कुछ ठीक नहीं है।’’ उन्होंने हाल ही के आर्थिक हालातों पर नरेंद्र मोदी सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर कहा, “भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को उत्पादकता के बजाए व्यय पक्ष से मापा जाता है।”