Game: जानलेवा साबित हो रही गेम खेलने की लत, बच्चों की बिगड़ रही मानसिक हालत के पीछे ये है बड़ा कारण !

Game: आज के डिजिटल युग में बच्चों और युवाओं ने फिजिकल गेम(Game) खेलना कम कर दिया है वहीं ऑनलाइन गेम और फोन या कंप्यूटर पर ऑफलाइन गेम खेलने की बुरी लत लग गई है। इस लत के कारण बच्चे और युवा अपना मानसिक संतुलन खोते जा रहे हैं। मानसिक हालत बिगड़ने के कारण गेम खेलने के दौरान उसमें दिए टास्क को पूरा करने के लिए बच्चे आत्महत्या या मर्डर जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। गेम खेलने की लत आज सुसाइड का बड़ा कारण बन रही है। इस पर मनोरोग विशेषज्ञ क्या कहते हैं आइए जानते हैं ?

Read Also: इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में नहीं होगी SIT जांच, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

आपको बता दें, गेम(Game) खेलने के दौरान अपना टास्क पूरा करने के लिए महाराष्ट्र के पुणे में एक 10वीं के छात्र ने अपनी जान गंवा दी। गेम में मिले टास्क को पूरा करने के चक्कर में 15 साल के बच्चे ने सोसाइटी की 14वीं मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी। घटना के बाद पुलिस को मृतक छात्र के कमरे में एक कागज मिला, जिस पर लॉगआउट लिखा हुआ था। इस बच्चे को घंटों गेम खेलने की बुरी लत लगी हुई थी। वह अपना अधिकतर समय गेम खेलकर ही व्यतीत करता था।

पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले

कुछ साल पहले मध्य प्रदेश में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था। जहां 11वीं के छात्र की PUBG खेलते समय कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई थी। वहीं करीब दो साल पहले उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी ऐसा ही केस देखने को मिला था। जहां पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक फोन पर गेम खेलने से मना करने पर गुस्साए बच्चे ने अपनी मां की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके अलावा ऐसे और भी कई मामले हैं जहां फोन पर गेम खेलना बच्चे की मौत का कारण रहा है।

मनोरोग विशेषज्ञ ने बताई ये वजह

गाजियाबाद जिला अस्पताल में मनोरोग विभाग के डॉ. एके विश्वकर्मा कहते हैं कि आज के आधुनिक युग में अब बच्चों की जीवनशैली बदल गई है। वे बाहर फिजिकल गेम्स खेलने के बजाय फोन या लैपटॉप पर गेम(Game) खेलकर ज्यादा समय बिताने लगे हैं। उन्हें इसकी लत पड़ गई है इसलिए ही बच्चे फोन पर ज्यादा गेम खेलते हैं। इस दौरान उनके व्यवहार में भी परिवर्तन देखने को मिलता है। फोन पर गेम खेलने से उन्हें अच्छा महसूस होता है और ऐसा डोपामाइन के अधिक स्राव के कारण होता है। बच्चों की मानसिक हालत भी इस लत के कारण या यूं कहें कि डोपामाइन के अधिक स्राव से खराब हो रही है। कई मनोरोग विशेषज्ञों का मानना है कि इसी के चलते बच्चे अपना मानसिक संतुलन खो देते हैं जिससे उनके सोचने और समझने की क्षमता पर ब्रेक सा लग जाता है और आत्महत्या और मर्डर जैसी घटनाएं होती है।

Read Also: Big Boss OTT 3: फिनाले से पहले हुई बड़ी उलट-फेर, अब कौन होगा विनर ?

क्या है ये डोपामाइन ?

ये डोपामाइन ही है जोकि एक प्रकार का न्यूरोट्रांसमीटर है, जो मस्तिष्क में पाया जाता है। यह रसायन मस्तिष्क की विभिन्न गतिविधियों को नियंत्रित करता है, जैसे कि:

शरीर पर कंट्रोल: डोपामाइन शरीर की मांसपेशियों की गति और संतुलन को नियंत्रित करता है।

आनंद: डोपामाइन को अक्सर “आनंद हार्मोन” कहा जाता है, क्योंकि यह खुशी और मस्ती की भावना को बढ़ाता है।

संज्ञान और ध्यान: डोपामाइन संज्ञान, ध्यान और स्मृति को प्रभावित करता है।

मूड और भावनाएं: डोपामाइन मूड और भावनाओं को नियंत्रित करता है, और इसकी कमी से अवसाद और चिंता जैसे विकार हो सकते हैं। वहीं डोपामाइन का असंतुलन लोगों में कई स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बनता है। जैसे कि पार्किंसंस रोग, स्किज़ोफ्रेनिया, मानसिक असंतुलन और नशीली दवाओं की लत, गेम खेलने की लत इत्यादि।

Top Hindi NewsLatest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi FacebookDelhi twitter and Also Haryana FacebookHaryana Twitter

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *