(अजय पाल)Ganesh Chaturthi:देशभर में प्रतिवर्ष बड़ी धूमधाम से गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है। भगवान श्री गणेश के जन्मोत्सव के रूप में यह त्योहार हर साल मनाया मनाते हैं।घर-घर में गणेश पूजन किया जाता है।हर साल भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर गणेश उत्सव का आरंभ किया जाता है, जो 10 दिनों तक पूरे उल्लास के साथ चलता है। इस दिन ज्यादातर लोग अपने घरों में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते हैं, जिसे 10 दिनों बाद विदा किया जाता है। इन 10 दिनों तक पूरे विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो सकते हैं। इसलिए आइए जानते हैं इस साल गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त, पूजा की सही विधि और विसर्जन की डेट के बारे में
घरों के लिए ही भगवान की छोटी-छोटी मूर्तियां खरीदी जा रही है। गणेश चतुर्थी के पर्व पर श्रद्धालुओं ने मंदिरों में सफाई की है, साथ ही गणपति के लिए भी अलग से दरबार भी लगाया गया है। जिसे लाइटों, झालरों व फूलों से सजाया गया है। वहीं, भगवान को भोग लगाने के लिए घरों में ही मोदक भी बनाए गए हैं।
300 से 800 तक है मूíतयों के दाम-इस बार बाजार में ईको फ्रेंडली गजानन की मूíत की मांग अधिक है। जिसके चलते मूíतकारों ने भी इसी पर फोकस किया है। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थ को मूíत निर्माण में इस्तेमाल नहीं किया गया है। इस बारे में हाईवे स्थित मूíतकार रमेश कुमार ने बताया कि इस बार बड़ी मूíतयों के तो बहुत कम आर्डर मिले हैं। लेकिन, छोटी-छोटी मूíतयों की अच्छी बिक्री हुई है। इनकी कीमत 300 से लेकर 800 रुपये तक है। पर्यावरण की स्वच्छता को देखते हुए ईको फ्रेंडली मूर्तियों का निर्माण किया गया है।
गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त-हिंदू पंचांग के अनुसार, 18 सितंबर 2023 के दिन गणेश चतुर्थी की शुरुआत दोपहर के समय 2 बजकर 09 मिनट पर होगी, जो 19 सितंबर के दिन दोपहर के 3 बजकर 13 मिनट तक रहने वाली है।
गणेश मूर्ति स्थापना मुहूर्त –हिंदू पंचांग के अनुसार, 19 सितंबर 2023 के दिन सुबह 11 बजकर 8 मिनट से दोपहर 1 बजकर 33 मिनट तक गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने का शुभ मुहूर्त रहेगा। वहीं, ठीक 10 दिनों के बाद विसर्जन किया जाएगा।
गणेश पूजा-विधि-पूरे धूम-धाम से भगवान श्री गणेश को अपने घर लाएं। मूर्ति की स्थापना करने के बाद प्रभु का जलाभिषेक करें। इसके बाद भगवान को वस्त्र और आभूषणों से सजाएं। गणपति बप्पा को पीले या लाल रंग के चंदन का तिलक लगाएं। प्रभु पर पीले रंग के फूल, अक्षत, कलवा और दूर्वा घास चढ़ाएं। अब धूप और घी के दीपक से भगवान गणेश जी की आरती करें। प्रभु को पांच फल और लड्डुओं का भोग लगाएं। गणेश चालीसा का पाठ करना शुभ रहेगा। इसके बाद क्षमा प्रार्थना करना ना भूलें।