GNCT : सरकार ने लोकसभा में पेश किया दिल्ली सेवा विधेयक; शाह बोले- विपक्ष का विरोध राजनीति से प्रेरित

(प्रदीप कुमार)- GNCT -दिल्ली अध्यादेश से जुड़ा विधेयक आज  लोकसभा में पेश हो गया है। इस बिल को लेकर सदन में विपक्ष ने भारी विरोध किया है। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ये विरोध राजनैतिक है, संवैधानिक आधार पर विरोध नहीं किया जा रहा है… GNCT 
दिल्ली अध्यादेश से जुड़ा विधेयक आज  लोकसभा में पेश हो गया है।गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने आज लोकसभा में गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली (अमेंडमेंट) बिल 2023 (GNCT) को पेश कर दिया है।दिल्ली अध्यादेश से जुड़ा विधेयक आज  लोकसभा में पेश किया गया तो इस दौरान सदन में जोरदार हंगामा देखने को मिला।
इस बिल पर हंगामे के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि संविधान ने सदन को दिल्ली राज्य के संबंध में कोई भी कानून पारित करने की शक्ति दी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने स्पष्ट कर दिया है कि संसद इस संबंध में दिल्ली में कोई भी कानून ला सकती है।अमित शाह ने कहा कि ये विरोध राजनैतिक है, संवैधानिक आधार पर नहीं किया जा रहा। इस आधार पर इस बिल को पेश करने की अनुमति दी जाए।गृहमंत्री ने कहा कि इस सदन को कानून बनाने का अधिकार है।
बाद में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने दिल्ली सर्विस बिल को लोकसभा में पेश किया ।बिल पेश करने के दौरान कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, एनके प्रेमचंद्रन और शशि थरूर सहित विपक्षी सदस्यों ने इस  विधेयक को पेश करने का विरोध किया।लोकसभा में बिल पेश होने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने अपने कमरे में केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी और कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के साथ बैठक की।
लोकसभा में बीजेपी और इसके गठबंधन दलों के पास बहुमत है। यहां आसानी से ये बिल पारित हो जाएगा, लेकिन राज्यसभा में इस अध्यादेश बिल को पारित करवाना थोड़ा मुश्किल होगा। लोकसभा में बीजेडी ने इस बिल का समर्थन किया है। ऐसे में राज्यसभा में बीजेडी के समर्थन से सरकार की राह आसान हो जायेगी।
दरअसल मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की संविधान पीठ ने अफसरों पर कंट्रोल का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया था। साथ ही कहा कि उपराज्यपाल सरकार की सलाह पर ही काम करेंगे,लेकिन एक हफ्ते बाद 19 मई को केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर इस फैसले को बदल दिया और ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार राज्यपाल को दे दिया अब इसी अध्यादेश पर विधेयक लाकर सदन में पेश किया गया है।

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