Gulam Nabi Azad- पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने रविवार को कहा कि उन्हें जम्मू कश्मीर का उप-राज्यपाल बनने में कोई दिलचस्वी नहीं हैं। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वे रोजगार की तलाश में नहीं हैं बल्कि जम्मू कश्मीर के लोगों की सेवा करना चाहते हैं। गुलाम नबी आजाद ने अपनी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के स्थापना दिवस पर एक रैली में कहा कि कुछ लोग ये अफवाह फैलाने की कोशिश कर रहे हैं वे पुनर्वास की तलाश में हैं।
उन्होंने कहा कि जब वे 2005 में मुख्यमंत्री के रूप में यहां आए थे तब उन्होंने लोगों की सेवा करने के लिए दो बेशकीमती केंद्रीय मंत्रालय छोड़ दिए थे। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी और महंगाई जम्मू कश्मीर की दो मुख्य समस्याएं हैं जिनका समाधान वे क्षेत्र की पर्यटन क्षमता को बढ़ा कर करना चाहते हैं। 2019 में अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को निरस्त करने को लेकर उन्होंने कहा कि ये एक बड़ी गलती थी।…Gulam Nabi Azad-
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उन्होंने कहा कि कई सालों में कुछ राजनैतिक गलतिया हुईं, जिन्होंने राज्य को आगे बढ़ने के बजाय पीछे धकेल दिया। पिछले नौ सालों में एक और बड़ी गलती हुई- अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए और 35बी को हटा दिया गया। बहुत से लोग नहीं जानते कि अनुच्छेद 35ए, बाद में अनुच्छेद 35बी, स्वतंत्रता के बाद बदला नहीं गया था। इसे 1925 में महाराजा हरि सिंह लाए थे।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पिछले दिनों से बड़ी ताजा अफवाह और ये सिर्फ जम्मू कश्मीर में ही है कि गुलाम नबी आजाद उप-राज्यपाल बन रहे हैं। अरे मैं कोई मुलाजिम हूं? मैं नौकरी करने आया हूं? नौकरी तो मैंने तब नहीं की थी आज से 50 साल पहले। इसलिए मैं नौकरी करने के लिए नहीं आया। मैं खिदमत करने के लिए आया हूं। इसलिए मैं गुजारिश करूंगा आने वाले वक्त में इन अफवाहों की मशीनों पर भरोसा मत कीजिए। मैं 2005 में भी इललिए आया था, मैं बेकार वहां नहीं था। 2005 में मैंने जब मैंने इस्तीफा दिया तो मैं हिंदुस्तान का अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्टर था, मैं हिंदुस्तान का संसदीय कार्य मंत्री था। उसे छोड़ कर मैं यहां आया। कहते हैं पहले क्यों नहीं आए, अरे पहले में मंत्रालय छोड़ कर आया हूं। दो-दो मंत्रालय छोड़ कर आया और अर्बन डेवलपमेंट छोटा मंत्रालय नहीं होता, सबसे बड़ा मंत्रालय होता है, संसदीय कार्य मंत्रालय संसद के हिसाब से सबसे बड़ा होता है। वो दो महकमे छोड़ कर आया।”