गुरुग्राम: माहिरा होम्स सोसायटी के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में FIR दर्ज, लाइसेंस हुआ रद्द

गुरुग्राम के सेक्टर 68 में अफॉर्डेबल हाउसिंग स्कीम में माहिरा होम्स ने एक प्रोजेक्ट लांच किया था Total tv, Newshindi, Latest news,

गुरुग्राम, (करण जयसिंह): राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम के सेक्टर 68 स्थित माहिरा होम्स सोसाइटी (साई आईना फार्मस) का लाइसेंस रद्द किये जाने के बाद खरीददार BUYERS परेशान है। अपने फ्लैट और पैसों की मांग को लेकर BUYERS ने आज यानी 13 मई शुक्रवार को गुरुग्राम के डीटीपी दफ्तर में विरोध प्रदर्शन किया। जिसके बाद डीटीपी एनफोर्समेंट और एसटीपी संजीव मान से आवंटियों ने इंसाफ की गुहार लगाई है।

खरीददारों को सता रही अपने आशियाने की चिंता

दरअसल साल 2017 में गुरुग्राम के सेक्टर 68 में अफॉर्डेबल हाउसिंग स्कीम में माहिरा होम्स ने एक प्रोजेक्ट लांच किया था। इस प्रोजेक्ट के तहत 1480 फ्लैट बनाए जाने थे, लेकिन फर्जी कागजात, बैंक गारंटी के साथ छेड़छाड़ सहित अन्य कई आरोप पर टाउन कंट्री प्लानिंग विभाग ने माहिरा होम्स का लाइसेंस रद्द कर दिया। यही नहीं डीटीपी द्वारा गुरुग्राम के बादशाहपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराने के लिए शिकायत दी गई है। जिसके बाद खरीददारों में चिंता बढ़ गई और अब वह अपने आशियाने और पैसों को लेकर चिंता में है।

खरीददारों का आरोप, कोरोना काल में भी ली गई किस्त

वहीं प्रदर्शन कर रहे खरीददारों की माने तो बिल्डर द्वारा कोरोना काल में भी फ्लैट की क़िस्त ली गई है। यही नहीं कई बार डीटीपी विभाग को धीमी गति से चल रहे निर्माण कार्य को लेकर भी शिकायत की गई लेकिन उसके बावजूद पहले कोई कार्यवाही नहीं की गई थी। दरअसल लोग अपने पूरे जीवन की कमाई -पूंजी इस प्रोजेक्ट में लगा चुके है। लेकिन 4 साल से ज्यादा का समय हो गया है उसके बावजूद बिल्डर द्वारा किसी को भी अभी तक कोई फ्लैट नहीं मिला है। जबकि एक फ्लैट तकरीबन 25 लाख रुपए का है।

DTP एनफोर्समेंट आर. एस भाठ ने लोगो को दिया आश्वासन

वहीं इस मामले में डीटीपी एनफोर्समेंट आर. एस भाठ ने लोगो को आश्वासन दिया है कि विभाग जल्द ही एक ऐक्शन प्लान बनाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी आश्वासन दिया है कि सरकार खरीददारों के हित में काम कर रही है और किसी भी BUYER का पैसा डूबने नहीं दिया जाएगा। लिहाजा यह कोई पहली बार नहीं है जब गुरुग्राम में किसी बिल्डर द्वारा BUYERS के साथ इस तरह की धोखाधड़ी की गई हो लेकिन सवाल ये उठता है की टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के साथ-साथ माहिरा होम्स HRERA में भी रजिस्टर्ड है लेकिन तमाम सरकारी विभाग होने के बावजूद कैसे सरकार की नाक के नीचे लोगो के साथ इतनी बड़ी धोखाधड़ी हो जाती है।

क्या खरीददारों को न्याय मिलेगा?

आपको बता दें कि, सरकार नींद से तब उठती है जब बिल्डर द्वारा लोगों की पूरी जीवन पूंजी ले ली जाती है। अगर यह विभाग पहले ही तमाम दस्तावेजों की ठीक से जांच कर बिल्डर को लाइसेंस देते तो शायद आज इन लोगों को प्रदर्शन ना करना पड़ता। बहरहाल देखने वाली बात होगी कि माहिरा होम्स के buyers को क्या न्याय मिलता है या फिर यह प्रदर्शन आगे भी ऐसे ही जारी रहता हैं।

 

 

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