चरखी दादरी(प्रदीप साहू): हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों की देखरेख पर हर साल करोड़ों रुपए का बजट खर्च किया जाता है। मगर शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते किस तरह से एक स्कूल तालाब बन जाता है। जिसका जीता जागता उदाहरण चरखी दादरी जिला मुख्यालय पर स्थित संस्कृति मॉडल को देखने से मिल जाएगा। स्कूल परिसर के अलावा कमरों में पानी भरने से नौनिहालों की जान का जोखिम बना हुआ है। हालात ऐसे हैं कि बच्चों से लेकर स्कूल स्टाफ सदस्यों को पानी से होकर पुरानी बिल्डिंग तक पहुंचना पड़ रहा है। हालातों को देखते हुए स्कूल को दो शिफ्टों में चलाया जा रहा है। Haryana news hindi,
आपको बता दें, कि चरखी दादरी जिला मुख्यालय पर स्थित संस्कृति मॉडल स्कूल के मैदान से लेकर कमरों के बाहर चारों तरफ गंदा पानी भरा हुआ है। हर तरफ गंदा-पानी ही दिखाई दे रहा है। यहां तक कि स्कूल के अंदर कमरों में जाने के लिए इस गंदे पानी के बीच से होकर जाना पड़ता है और पानी के भर जाने से स्कूल में विद्यार्थियों का आना भी बंद हो गया है। आलम यह है स्कूल में 1200 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं लेकिन पानी भर जाने के कारण बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं और अध्यापक भी अपने कमरों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। Haryana news hindi,
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इतना ही नहीं स्कूल की इमारत के साथ लगे बिजली के खंभों के चारों तरफ भी पानी भरा हुआ है। जिसके चलते कभी भी कोई भी हादसा हो सकता है। पानी के कारण स्कूल की दो बिल्डिंग तो कंडम होने के कगार पर हैं और कभी भी गिर सकती हैं। इस स्कूल के हालातों बारे शिक्षा अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों से लेकर डिप्टी सीएम व सीएम तक को भी अवगत करवा चुके हैं। इसके बाद भी मॉडल स्कूल के हालात में कोई सुधार नहीं हुआ। स्कूल स्टाफ सदस्य भी कहते हैं कि यहां के हालात काफी समय से बुरे हैं। डर के साये में वे स्कूल पहुंचते हैं और विद्यार्थियों को भी पढ़ाई की बजाए किसी अनहोनी का डर सता रहा है। Haryana news hindi,
डिप्टी सीएम ने किया था स्कूल के हालातों का निरीक्षण
पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान पिछले वर्ष डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को संस्कृति मॉडल स्कूल में लेकर पहुंचे थे। डिप्टी सीएम ने यहां के हालातों को देखकर जल्द समाधान करवाने व शिक्षा मंत्री के माध्यम से हालात सुधारने का आश्वासन दिया था। मगर एक वर्ष बाद भी स्कूल के हालात नहीं बदले।
स्कूल जाने से लगता है डर
स्कूल में पढऩे वाले छात्र मोहित ने कहा कि स्कूल में पानी भरने से डर लगता है। इसलिए उसने स्कूल से छुट्टी कर ली। वहीं, अन्य विद्यार्थियों ने कहा कि अपने भविष्य को लेकर मजबूरी में डर के साये में पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
बच्चों के अभिभावकों को सता रही चिंता
तालाब में तबदील हुआ स्कूल के हालातों को लेकर अभिभावकों को भी अपने बच्चों की चिंता सताने लगी है। बच्चों को भय के साये में पढ़ाई करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। अभिभावक सुदेश वर्मा, नितिन, संजीव, अशोक, संजय व त्रिलोक ने कहा कि ऐसे ही हालात रहे तो वे अपने बच्चों को स्कूल भेजना ही बंद कर देंगे। शिक्षा की बजाए अपने बच्चों की जिंदगी प्यारी है। Haryana news hindi,
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आला अधिकारियों से लेकर प्रशासन को लिखे अनेकों पत्र
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी जलधीर कलकल ने बताया कि कई वर्षों से बारिश के दिनों में स्कूल के हालात बदतर हो जाते हैं। हालांकि, इस संबंध में आला अधिकारियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक अनेकों पत्र लिख चुके हैं। बावजूद इसके समाधान नहीं हुआ और स्कूल को दो शिफ्टों में चलाना पड़ रहा है। अस्थाई व्यवस्था भी अब जवाब देने लगी है।
सरकार का सिस्टम जिम्मेदार: सांगवान
पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने मॉडल स्कूल का निरीक्षण किया और अधिकारियों से पूरे हालातों बारे चर्चा की। सांगवान ने कहा कि स्कूल के ऐसे हालातों के लिए सरकार का सिस्टम ही जिम्मेदार है। सरकार व अधिकारियों को पहले से ही पुख्ता प्रबंध करने चाहिए थे लेकिन उनकी नाकामी के कारण विद्यार्थियों व स्कूल स्टाफ को काफी परेशानियां हो रही हैं। सीएम को भी चाहिए कि वे मंत्रियों को यहां भेजे और हालातों को देखकर पुख्ता प्रबंध करें। Haryana news hindi,
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