Himachal Political Crisis: हिमाचल में राज्यसभा मुकाबला हारने के बाद कांग्रेस अब डैमेज कंट्रोल करने में जुटी है। विक्रमादित्य सिंह ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है,वहीं मुख्यमंत्री सुक्खू ने अपने इस्तीफ़े की पेशकश को अटकले बताया है,जबकि कांग्रेस महाससहिव जयराम रमेश ने कहा है कि कुछ ‘कठोर’ निर्णय लेना पड़ सकता है।
राज्यसभा के चुनावी मुक़ाबले में कांग्रेस के लिए सबसे चौंकाने वाले नतीजे हिमाचल प्रदेश से आए है,यहां पर्याप्त संख्या बल होने के बावजूद कांग्रेस उम्मीदवार को हार मिली है।इस हार के कारण हिमाचल प्रदेश में आने वाले दिनों में कांग्रेस सरकार पर ख़तरा भी मंडराने लगा है।
कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की हार के बाद कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा और डीके शिवकुमार को ऑब्जर्वर बनाकर हिमाचल प्रदेश भेजा है। इस बीच हिमाचल प्रदेश संकट पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की।जयराम रमेश ने कहा कि कुछ ‘कठोर’ निर्णय लेना पड़ सकता है।
Himachal Political Crisis: हिमाचल में सबकी बात सुनकर एक विस्तृत रिपोर्ट बनाई जाएगी- कांग्रेस
जयराम रमेश ने आगे कहा कि “हिमाचल में सबकी बात सुनकर एक विस्तृत रिपोर्ट बनाई जाएगी और इसे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौपा जायेगा। “कांग्रेस अध्यक्ष इस रिपोर्ट के आधार पर जो भी निर्णय लेना होगा, वो ज़रूर लेंगे, हो सकता है कि कुछ कठोर निर्णय लेने होंगे लेकिन इससे हम पीछे नहीं हटेंगे संगठन सर्वेपरि है,कांग्रेस पार्टी सर्वोपरि है”। वहीं शिमला में राजनीतिक घमासान के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का बयान भी सामने आया। सीएम सुक्खू ने अपने इस्तीफ़े की पेशकश की अटकलों पर भी बयान दिया। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में चल रहे राजनीतिक संकट पर कहा कि “राज्य के भाजपा नेताओं को अपने ही लोगों पर भरोसा नहीं है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि राज्य में सीआरपीएफ तैनात की गई है, हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया गया है, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि हिमाचल की जनता और विधायक हमारे साथ हैं। मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि हम पांच साल तक सरकार चलाएंगे। वहीं अपने इस्तीफे की अफवाहों पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि, “न तो आलाकमान और न ही किसी और ने मेरे इस्तीफे की मांग की है।
Read Also: Rajasthan: लोकसभा अध्यक्ष ने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान कोटा के तीसरे दीक्षांत समारोह को किया संबोधित
हालांकि हिमाचल प्रदेश का घटनाक्रम अब बयान कर रहा है कि मुख्यमंत्री सुक्खू की मुश्किलें बढ़ने वाली है।राज्यसभा के चुनावी मुकाबले में कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की हार हो चुकी है। वहीं इसके बाद विक्रमादित्य सिंह ने भी सुक्खू सरकार के कामकाज से नाराज़गी जताते हुए इस्तीफा दे दिया है।पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत नेता वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने इस दौरान मुख्यमंत्री सुक्खू के कामकाज पर खुलकर नाराज़गी जताई है
हिमाचल के घटनाक्रम से हिली कांग्रेस अब सरकार बचाने की कवायद में जुटी है। डैमेज कंट्रोल करने में जुटी कांग्रेस मुख्यमंत्री के चेहरे में तभी बदलाव करेगी जब उसे पक्का भरोसा हो जाएगा कि सरकार बच पाएगी। ऐसे में कांग्रेस सूत्रों का दावा है कि कल तक हिमाचल की नई तस्वीर साफ हो सकती है।