LAC पर चीन की चालबाजी के खिलाफ भारत ने नई रणनीति पर मंथन किया है। इसमें LAC पर बने ताजा विवाद से निपटने की रणनीति पर अहम चर्चा होने की खबर है। चीन के साथ बने तनाव के बीच शीर्ष राजनीतिक नेताओं की सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक हुई है।बैठक में इस बात पर चर्चा हुई हैं कि LAC पर बने तनाव की मौजूदा स्थितियों से कैसे निपटा जाए।
दरअसल सैन्य वार्ताओं के कई दौर होने के बावजूद चीन फिंगर एरिया, डेपसांग और गोगरा में पीछे हटने को तैयार नहीं है। ऐसे में आगे की योजना के लिए भारत के शीर्ष राजनीतिक और सैन्य अधिकारियों ने बैठक की हैं। खबर है कि बैठक में मुख्य तौर पर उन बिंदुओं पर फोकस किया गया है जहां चीनी सैनिकों ने कठोर रुख अपना रखा है और भारतीय सैनिकों के साथ झड़पों में शामिल रहे हैं।
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चीनी सैनिक फिंगर एरिया में तीन महीने से ज्यादा समय से मौजूद हैं और बंकर निर्माण करने के साथ अपनी स्थिति भी मजबूत कर रहे हैं। सैन्य सूत्रों के मुताबिक पूर्वी लद्दाख में वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए, शीर्ष राजनीतिक नेताओं की सैन्य नेताओं के साथ बैठक हुई है।’ बैठक में इस बात पर चर्चा हुई है कि मौजूदा स्थितियों से कैसे निपटा जाए खासतौर से वहाँ जहां चीनी सैनिकों ने कठोर रुख अपना रखा है और भारतीय सैनिकों के साथ झड़पों में शामिल रहे हैं।
चीन के साथ लगातार जारी वार्ता
देश के वरिष्ठ नेतृत्व की यह बैठक चीन और भारत के बीच हुई दौलतबेग ओल्डी में हुई मेजर जनरल स्तर की वार्ता के करीब एक सप्ताह बाद हुई है। चीन के साथ हर वार्ता के दौरान भारत ने यथास्थिति बरकरार करने पर जोर दिया है शुरुआती बातचीत में कुछ प्रगति हुई लेकिन उसके बाद चीन के अड़ियल रुख से गतिरोध बना हुआ है।
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बता दें कि चीन अभी भी भारत पर दबाव बनाने की कोशिश में है लेकिन भारत ने अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है। चीनी पक्ष मांग कर रहा है कि भारत को दौलतबेग ओल्डी और पूर्वी लद्दाख सेक्टर में पीछे हटना चाहिए लेकिन, भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत की ओर से किया गया निर्माण कार्य चीन के कदमों को देखते हुए किया गया है और यह भारतीय क्षेत्र में आता है। ऐसे में भारत के पीछे हटने का कोई सवाल नहीं है।
दौलतबेग ओल्डी सेक्टर के सामने चीन ने भारी संख्या में सैनिक तैनात कर रखे हैं। ये सैनिक भारी और घातक हथियारों के साथ बख्तरबंद वाहनों से लैस हैं। इसके जवाब में चीन की ओर से की गई किसी भी अनावश्यक कार्रवाई से निपटने के लिए भारत ने भी अपनी तैयारियां मजबूत की हैं। भारत की तीनों सेनाएं लद्दाख में स्थिति पर लगातार नज़र रख रही हैं।