Indian Visa Services- कनाडा के साथ मौजूदा राजनयिक विवाद के कारण भारत ने कनाडाई लोगों के लिए वीज़ा सेवाओं को निलंबित कर दिया है।कनाडा स्थित फंड, भारतीय शेयर बाजार में सबसे बड़े निवेशकों में से हैं। हालांकि, बाजार विशेषज्ञ भारतीय बाजारों से कनाडाई निवेश के छिटकने की आशंका से बहुत चिंतित नहीं हैं।विशेषज्ञों के अनुसार, कनाडाई पेंशन हेज फंडों ने भारतीय बाजार में लंबी अवधि का निवेश किया है। इसलिए छोटी अवधि के लिए उनके प्रतिक्रिया देने की संभावना नहीं है।
पीएफए संस्थान संस्थापक पुरातन भारती ने कहा कि ये पेंशन फंड हैं और इनमें निवेश का दीर्घकालिक एजेंडा है। उनका नजरिया बहुत लंबा है। मुझे लगता है कि वे अल्पकालिक राजनैतिक संघर्षों से प्रभावित नहीं होते हैं। उस लिहाज से मुझे लगता है कि निवेश काफी सुरक्षित होना चाहिए। भारत आगे बढ़ता हुआ देश है और हमें दुनिया भर से निवेश मिल रहे हैं।
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एनएसडीएल के आंकड़ों के मुताबिक, कनाडा से भारतीय इक्विटी बाजारों में 1.51 लाख करोड़ रुपये का विदेशी पोर्टफोलियो निवेश हुआ है।भारत में एफपीआई की संपत्ति के मामले में कनाडा शीर्ष 10 देशों में शामिल है।विशेषज्ञ को पूरी उम्मीद है कि कनाडा का निवेश भारत में बना रहेगा, क्योंकि ये दुनिया का सबसे तेजी से उभरता बाजार है।
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यूरेका स्टॉक और शेयर ब्रोकिंग निर्देशक अखिल सोमानी ने कहा कि हालांकि भारतीय शेयर बाजार पर असर बहुत सीमित और कुछ खास स्टॉक में होने की संभावना है। कुछ स्टॉक कनाडा सरकार के पेंशन फंड के पास हैं। इस समय ये साफ नहीं है कि वे आएंगे और अपनी हिस्सेदारी का निपटान करेंगे या नहीं। हालांकि हमें कनाडा के साथ इस तनाव का कोई व्यापक असर नहीं दिख रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा तनाव में कनाडा से भारतीय बाजार में कोई नया निवेश प्रभावित हो सकता है, लेकिन कनाडाई निवेशकों ने पहले से जो निवेश किया है, वो उसे वापस लेने की गलती नहीं करेंगे।विशेषज्ञों का ये भी मानना है कि मौजूदा तनाव अस्थाई है और कनाडा की घरेलू राजनीति से जुड़ा हुआ है।विशेषज्ञों को उम्मीद है कि भारत और कनाडा दोनों जल्द ही सुलह की दिशा में आगे बढ़ेंगे।