नई दिल्ली(प्रदीप कुमार): विदेश मंत्रालय ने धार्मिक आजादी को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट पर कड़ा एतराज जताया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में वोट बैंक की राजनीति का अभ्यास किया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर यूएस स्टेट डिपार्टमेंट की रिपोर्ट में भारत पर लगाए गए आरोपों पर कड़ा एतराज जताते हुए विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन द्वारा भारत में लोगों के साथ-साथ धार्मिक स्थलों पर हमले बढ़ने संबंधी बयान को अस्वीकार करते हुए कहा है कि भारत धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों को महत्व देता है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में वोट बैंक की राजनीति की जा रही है। भारत की तरफ से वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों की टिप्पणियों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में वोटबैंक की राजनीति हो रही है। सरकार ने यह भी कहा कि रिपोर्ट का मूल्यांकन पक्षपातपूर्ण विचारों और प्रेरित इनपुट पर आधारित है।
Also Read जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग पर केंद्र सरकार का एक्शन प्लान
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हमने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर यूएस स्टेट डिपार्टमेंट 2021 की रिपोर्ट जारी करने और वरिष्ट्र अधिकारियों के गलत जानकारी देने वाले कमेंट को नोट किया है। भारत सरकार ने कड़ा एतराज जताते हुए कहा है कि ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में वोट बैंक की राजनीति का अभ्यास किया जा रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम आग्रह करते हैं कि मूल्यांकन में प्रेरित इनपुट या पक्षपाती विचारों से बचा जाना चाहिए।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि हमारा देश बहुलतावादी समाज के रूप स्वतंत्रता और मानवाधिकारों को महत्व देता है।अमेरिका के साथ चर्चाओं में हमने नस्लीय, जातीय रूप से प्रेरित हमलों, अपराधों जैसे मुद्दों को नियमित रूप से उजागर किया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका के साथ हमारी चर्चाओं में हमने वहां ऐसे मुद्दों पर चिंताओं को रेखांकित किया है जिसमें जातीय एवं नस्लीय प्रेरित हमले, घृणा अपराध और बंदूक आधारित हिंसा शामिल है।