International Animation Day: कार्टून देखना है बेहद पसंद, जानें भारत ने कब रखे एनीमेशन जगत में कदम ?

International Animation Day

International Animation Day: PM मोदी ने मन की बात के 115 वें एपिसोड में कई पहलू को लेकर लोगों को संबोधित किया। जिसमें युवा, बिरसा मुंडा , डिजिटल अरेस्ट आदि शामिल थे। इसके साथ ही PM मोदी ने छोटा भीम, हनुमान और मोटू-पतलु का जिक्र भी किया था। जिसके जरिए वे समझाना चाहते थे कि एनीमेशन ने आज के जगत में अपनी एक अलग जगह बना ली है। लोग आज के समय में एनीमेडिट मूवीज़ या वीडियो देखना पसंद करते हैं। आज यानि 28 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय एनीमेशन दिवस (International Animation Day) मनाया जाता है। जिसका मुख्य उद्देश्य  एनीमेशन को और अधिक बढ़ाना और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इसे पहुंचाना है।

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आज के दिन ही क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय एनीमेशन दिवस ?

इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2002 में  ASIFA (Association International du film d’animation) द्वारा की गई। 28 अक्टूबर 1892 को एमिल रेनॉड ने पहली सार्वजनिक चलती छवियों का प्रदर्शन किया था। उसके बाद से धीरे-धीरे एनीमेशन (Animation) में कई बदलाव आए। आज वो समय आ चुका है जब एनीमेशन बच्चों से लेकर बड़ों तक पसंद किया जा रहा है। इस दिन को मनाने के पीछे का मुख्य उद्देश्य ये ही है कि एनीमेशन को अधिक लोगों तक पहुंचाया जाए। AI की बढ़ती पहुंच के साथ एनीमेशन का ट्रेंड भी बढ़ता जा रहा है।

एनीमेशन जगत में भारत का सफर ?

बचपन में हम सभी को कार्टून देखना बेहद पसंद होता है। कुछ लोगों के दिल पर इसका इतना क्रेज होता है कि बड़े होकर भी वो खाना खाते हुए और फ्री टाइम में कार्टून देखना ही पसंद करते हैं। क्या आप जानते हैं कि भारत में एनीमेशन की शुरुआत कब हुई ? इस एनीमेशन की  दुनिया में भारत ने पहली बार 1955 में कदम रखा था । मुंबई में फिल्म डिवीजन परिसर में  कार्टून फिल्मस का निर्माण किया गया। भारतीय एनीमेशन (Animation)  जगत  को उड़ान देने में राम मोहन का बड़ा योगदान रहा। उन्होंने कई पुरस्कार विजेता फिल्मों का निर्माण किया। जिसमें पहली मूवी बनयान डियर भी शामिल रही।

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दो अन्य फिल्म निर्माता भीम सेन और वीबी सामंत ने भी इसे आगे बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाई। 1992 में कार्टून आधारित चरित्र ‘मीना’ और उसके तोते ‘मिट्ठू’ ने लोगों का दिल जीत लिया और भारतीय एनीमेशन (Animation)  जगत ने लंबी छलांग लगाई। UNESCO के तत्वावधान में कन्या भ्रूण हत्या के प्रति लोगों को संवेदनशील करने के लिए  इसे बनाया गया था। इसके बाद अफ्रिका में इससे प्रभावित होकर सना नामक एक चरित्र बना। जापान की सहायता से भारत की ऐतिहासिक फिल्म रामायण का एनीमेशन (Animation) चरित्र में निर्माण किया गया। जिसे लोगों ने काफी पसंद भी किया। बता दें, ‘मीना’ और ‘रामायण’ दोनों में ही राम मोहन का अहम योगदान है।

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