(प्रदीप कुमार)- कांग्रेस ने संसद सुरक्षा चूक मामले में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि विपक्ष चाहता है संसद ठीक तरह से चले, पर सरकार संसद सुरक्षा चूक मामले में बहस नहीं चाहती। कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी महासचिव और सांसद जयराम रमेश ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि गृह मंत्री अमित शाह सदन में बोलने को तैयार नहीं हैं, जब तक गृह मंत्री अमित शाह सदन में बयान नहीं देते, तब तक सदन चलने की संभावना कम है। गृह मंत्री इस घटना में भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा की भूमिका से ध्यान भटकाना चाहते हैं।
जयराम रमेश ने कहा कि जब भी ऐसी घटना घटती है, खासतौर से जब संसद चल रहा हो तो एक संसदीय परंपरा रही है कि मंत्री संसद के अंदर बयान देते हैं। मगर गृह मंत्री अहंकारी हैं। वो सदन की सुरक्षा के चूक के मामले में टीवी चैनल के शो में बात करते हैं। लेकिन वही बात गृह मंत्री सदन के अंदर बोलने को तैयार नहीं हैं। इंडिया सांसदों ने यह मांग की है कि गृह मंत्री सदन में बयान दें, लेकिन सरकार ने इसे माना नहीं है। इस वजह से दो दिन से सदन की कार्यवाही नहीं चल पाई है।
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जयराम रमेश ने कहा कि देश के गृहमंत्री टीवी चैनल पर जाकर संसद में हुई घटना पर बात करते हैं, लेकिन वे सदन में बोलने को तैयार नहीं हैं। सरकार की तरफ से पहले इसे एक छोटी घटना बताया गया था, लेकिन फिर संसद में घुसने वालों पर यूएपीए का केस डाला गया है। इससे यह साफ है कि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा एक गंभीर मामला है, जिस पर चर्चा होनी चाहिए।सांसदों के निलंबन पर जयराम रमेश ने कहा कि 15 सांसदों को निलंबित किया गया है। इन सांसदों की क्या गलती थी। ये सभी सांसद एक ही मांग कर रहे थे कि गृहमंत्री सदन में आकर बयान दें और मैसूर से भाजपा सांसद की भूमिका एवं उनके खिलाफ क्या कार्यवाही होगी, इसकी जानकारी दें। मगर गृहमंत्री इतने अहंकारी हैं कि यह उन्होंने उचित नहीं समझा।
जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस की मांग है कि गृह मंत्री सदन के अंदर आकर जवाब दें।जब तक गृहमंत्री दोनों सदनों में आकर बयान नहीं देंगे, तब तक दोनों सदनों में कार्यवाही की संभावना बेहद कम है।इंडिया गठबंधन की बैठक के बारे में जानकारी देते हुए जयराम रमेश ने बताया कि आगामी 19 दिसंबर को दोपहर तीन बजे इंडिया गठबंधन के नेताओं की बैठक है। इस बैठक के बाद एक प्रेस वार्ता भी आयोजित की जाएगी।