लोक सभा अध्यक्ष ने ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात और पैन अफ्रीकी संसदों के पीठासीन अधिकारियों से मुलाकात की

(प्रदीप कुमार)-दिल्ली में पी20 शिखर सम्मेलन से पहले “LiFE: पर्यावरण के लिए जीवन शैली” के लिए आयोजित संसदीय मंच की बैठक के बाद लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ऑस्ट्रेलिया के हाउस ऑफ रेप्रेसेंटेटिव्स के स्पीकर, माननीय मिल्टन डिक; बांग्लादेश की जातीय संसद की अध्यक्ष, महामहिम सुश्री शिरीन शर्मिन चौधरी; फेडरल नेशनल काउंसिल, संयुक्त अरब अमीरात के स्पीकर, महामहिम सकर घोबाश, और पैन अफ्रीका के कार्यवाहक प्रेसिडेंट, महामहिम डॉ. अशेबिर वोल्डेगियोर्गिस गायो से मुलाकात की है।ओम बिरला ने जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत की प्राथमिकताओं और पहलों का समर्थन करने के लिए ऑस्ट्रेलिया का आभार व्यक्त किया। उन्होंने जी-20 में अफ्रीकी संघ को शामिल करने की भारत की पहल का समर्थन करने के लिए ऑस्ट्रेलिया की सराहना की। बिरला ने यह भी कहा कि हाल में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की यात्राओं से भारत और ऑस्ट्रेलिया के द्विपक्षीय संबंधों को एक नया आयाम मिला है और दोनों देशों के बीच परस्पर सहयोग और सुदृढ़ हुआ है और नई ऊर्जा का संचार हुआ है। उन्होंने आग्रह किया कि दोनों संसदों को संसदीय सहयोग का दायरा बढ़ाना चाहिए।ऑस्ट्रेलिया के हाउस ऑफ रेप्रेसेंटेटिव्स के स्पीकर, माननीय मिल्टन डिक ने इस बात का उल्लेख किया कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान उनका भव्य स्वागत किया गया था, जिससे पता चलता है कि ऑस्ट्रेलिया में उनके कितने प्रशंसक हैं । उन्होंने यह भी कहा कि प्रधान मंत्री एंथनी अल्बानीज़ और प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत मित्रता के कारण ऑस्ट्रेलिया और भारत के रिश्ते गहरे हुए हैं। ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले लगभग दस लाख भारतीय दोनों देशों को आपस में जोड़ते हैं। डिक ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की राजनीति में भी उनका महत्वपूर्ण प्रभाव है।बांग्लादेश की जातीय संसद की अध्यक्ष, महामहिम सुश्री शिरीन शर्मिन चौधरी के साथ अपनी बैठक में श्री बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और बांग्लादेश की संसदों के बीच सहयोग को और बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने दोनों देशों के बीच सड़क, रेल, वायु, जलमार्ग और डिजिटल क्षेत्रों में बढ़ती कनेक्टिविटी पर संतोष व्यक्त किया।महामहिम सुश्री शिरीन शर्मिन चौधरी ने पी-20 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किए जाने के लिए स्पीकर बिरला को धन्यवाद दिया और अत्यधिक सफल रहे जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि पी-20 एक उत्कृष्ट मंच है, जिससे पीठासीन अधिकारियों को जी-20 के महत्वपूर्ण एजेंडों पर चर्चा करने का अवसर प्राप्त होता है। उन्होंने अत्यंत नवोन्मेषी LiFE अभियान शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को बधाई भी दी। उन्होंने इस बात का उल्लेख भी किया कि LiFE मिशन को जमीनी स्तर तक पहुंचना चाहिए और दुनिया के सभी लोगों को मिशन LiFE में योगदान देना चाहिए। उन्होंने नये संसद भवन के लिए ओम बिरला को बधाई भी दी और आग्रह किया कि दोनों संसदें जलवायु परिवर्तन, कनेक्टिविटी, ऊर्जा और अन्य संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए सहयोग कर सकती हैं। उन्होंने बिरला को बांग्लादेश की संसद का दौरा करने के लिए भी आमंत्रित किया।फेडरल नैशनल काउन्सिल, संयुक्त अरब अमीरात के स्पीकर, सकर घोबाश के साथ अपनी बैठक में, बिरला ने कहा कि ‘बायोफ्यूल गठबंधन’ और ‘भारत मिडल ईस्ट -यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर’ जैसी पहलों से भारत और संयुक्त अरब अमीरात के संबंध और गहरे हुए हैं।फेडरल नैशनल काउन्सिल, संयुक्त अरब अमीरात के स्पीकर सकर घोबाश ने इस बात का उल्लेख किया कि भारत और यूएई के बीच शिक्षा, जलवायु परिवर्तन, अर्थव्यवस्था, उद्योग और उन्नत प्रौद्योगिकी, विदेश व्यापार, ऊर्जा के क्षेत्र में साझेदारी है और साथ ही यह आशा व्यक्त की कि ये संबंध नई ऊंचाइयां छूएंगे। भविष्य में।उन्होंने यह विचार व्यक्त किया कि संसदीय आदान-प्रदान से द्विपक्षीय संबंध और अधिक मजबूत होंगे। सकर घोबाश ने यह भी कहा कि भारत दुनिया का एक महत्वपूर्ण देश है, जो इतना प्रभावशाली है कि कोई भी इसे नजरअंदाज नहीं कर सकता ।
पैन अफ्रीका के कार्यवाहक अध्यक्ष महामहिम डॉ. अशेबिर वोल्डेगियोर्गिस गायो से मुलाकात के दौरान ओम बिरला ने अफ्रीकी संघ को जी20 में शामिल किए जाने पर उन्हें बधाई दी।महामहिम डॉ. अशेबिर वोल्डेजियोर्गिस गायो ने कहा कि भारत अफ्रीका का गहरा दोस्त है। उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण प्रभावित होने वाला अफ्रीका पहला महाद्वीप था और युद्ध के कारण रूस से अफ्रीका को होने वाला उर्वरक निर्यात रोक दिया गया था, जिससे लाखों अफ्रीकियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। उन्होंने भारत से अनुरोध किया कि वह रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थता करे और शांति स्थापित करने में मदद करे। उन्होंने यह भी कहा, ”इससे अफ्रीका को बहुत मदद मिलेगी क्योंकि इस युद्ध के कारण हमारे बच्चे प्रभावित हो रहे हैं ।” उन्होंने श्री बिरला को पैन-अफ्रीका संसद का दौरा करने के लिए भी आमंत्रित किया। उन्होंने विशेष रूप से चुनाव की निगरानी के क्षेत्र में, भारत से लोकतांत्रिक मूल्यों की सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने पैन अफ्रीका-भारत संसद शिखर सम्मेलन का प्रस्ताव रखा, ताकि भारत की समृद्ध लोकतांत्रिक विरासत और परंपराओं के बारे में और अधिक जानकारी मिले ।विशिष्टजनों ने कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की और दोनों संसदों के बीच आगे सहयोग के बारे में भी बात की।

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