(प्रदीप कुमार )- लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के सदस्यों को संबोधित किया। इस अवसर पर जनजातीय मामलों के मंत्री, अर्जुन मुंडा और जनजातीय मामलों की राज्य मंत्री, श्रीमती रेणुका सिंह सरुता भी उपस्थित थीं।
संसद भवन के ऐतिहासिक केन्द्रीय कक्ष में प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए,ओम बिरला ने देश के सबसे वंचित समूह के सदस्यों को संसद भवन में आमंत्रित करने की अनूठी पहल की सराहना की। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के संघर्ष में भगवान बिरसा मुंडा और अन्य आदिवासी नेताओं द्वारा दिए गए योगदान का उल्लेख किया।
ओम बिरला ने आधुनिक भारत के इतिहास में केन्द्रीय कक्ष के महत्व की बात करते हुए कहा कि केन्द्रीय कक्ष उन सभी लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतीक है जो संविधान से सभी देशवासियों को प्राप्त हुए हैं।ओम बिरला ने कहा कि केन्द्रीय कक्ष भारत की आजादी का गवाह था और यहीं पर संविधान निर्माताओं ने सभी भारतीयों को समानता, न्याय और स्वतंत्रता की गारंटी दी थी। पिछड़ेपन को दूर करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए उन्होंने इसे संविधान में शामिल किया। इस संदर्भ में,ओम बिरला ने इस बात का उल्लेख किया कि सभी वर्गों को समान अधिकार और स्वतंत्रता के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक समानता प्रदान की जानी चाहिए।ओम बिरला ने भेदभाव का सामना करने वाले आदिवासी लोगों को विशेष सुरक्षा प्रदान करने के लिए संविधान सभा की सराहना की।
Read also – दिल्ली में अब नहीं चलेगी बाइक टैक्सी, SC ने HC नव आदेश पर रोक लगाई
प्रकृति, परंपरा और संस्कृति के ज्ञान की जनजातीय विरासत के संदर्भ में ओम बिरला ने इस बात की ओर ध्यान दिलाया कि प्राचीन काल से ही वनवासियों ने प्रकृति के साथ तालमेल से रहने का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों और विशेष रूप से पीवीटीजी की जीवन शैली हमेशा प्रकृति के अनुरूप रही है और आधुनिक दुनिया को उनसे बहुत कुछ सीखना है। अध्यक्ष महोदय ने प्रधानमंत्री पीवीटीजी मिशन की सराहना की जिसके अंतर्गत इस समूह के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए अगले तीन वर्षों में 15,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे । उन्होंने वन उपज के साथ-साथ आदिवासी लोगों की कला और शिल्प की भी बात की, जिसके अनूठेपन के कारण इनकी मांग पूरी दुनिया में बढ़ी है । श्री बिरला ने यह भी कहा कि इससे इन परंपराओं को जीवित रखा जा सकेगा और साथ ही ऐसे समूहों के बारे में जानकारी का प्रसार करने में मदद मिलेगी । श्री बिरला ने कहा कि इसके माध्यम से पीवीटीजी अपने पारंपरिक मूल्यों और शिल्प को भी संरक्षित कर सकते हैं।
श्री बिरला ने आशा व्यक्त की कि पिछली कई सदियों की समझदारी के साथ, पीवीटीजी किसी भी चुनौती का सामना करने और सभी लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए तैयार रहेंगे। उन्होंने यह विश्वास भी व्यक्त किया कि भारत में शीघ्र ही न केवल जीवन के सभी क्षेत्रों में बल्कि संसद में भी इस समूह के लोगों का अधिक प्रतिनिधित्व होगा।
इस बात को दोहराते हुए कि विविधता भारतीय मूल्यों का आधार है, बिरला ने कहा कि अपनी विरासत को संरक्षित रखने के साथ ही विकास के नए आयाम स्थापित करने की भी आवश्यकता है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न संस्थानों, शासन और निकायों में जनजातीय समुदायों की भागीदारी को सुव्यवस्थित किया जाना चाहिए। जनभागीदारी बढऩे से जनजातीय समाज के लोग भी इन संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण में अपना योगदान सुनिश्चित कर सकते हैं । उन्होंने कहा कि इससे भारतीय लोकतंत्र की जीवंतता और विविधता बढ़ेगी ।ओम बिरला ने विभिन्न समूहों के लोगों के साथ भी बातचीत की। पीवीटीजी समूह अंडमान निकोबार, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, असम, तेलंगाना, मणिपुर, झारखंड आदि राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों से आए थे।
Top Hindi News, Latest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi Facebook, Delhi twitter and Also Haryana Facebook, Haryana Twitter. Total Tv App

