मणिपुर की जातीय हिंसा ने पिछले कुछ वर्षों के विकास पर फेरा पानी

Manipur tourism department

(इशिका)- Manipur tourism department-मणिपुर में पिछले महीने शुरू हुई जातीय हिंसा ने पिछले 6-7 वर्षों से हुए पर्यटन क्षेत्र के विकास पर रोक लगा दी है। कोरोना के बाद वहाँ के पर्यटन में तेजी देखी जा रही थी, लेकिन अब हिंसा के चलते पर्यटन क्षेत्र का विकास फिर से ठप हो गया। हिंसा के कारण और माहौल सुरक्षित नहीं होने की वजह से सैलानियों को मना करना पडा। 2022 से यहां पर्यटकों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा था। मणिपुर पर्यटन निगम के सूत्रों के अनुसार यदि पिछले पांच साल के आंकड़े देखे जाए तो कोरोना के समय को छोड़कर राज्य में पर्यटकों की संख्या बढ़ रही थी । 2022 से राज्य में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है । सूत्रों के मुताबिक, सैलानियों के मेल आ रहे है लेकिन सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए फिलहाल उनके राज्य में आने पर रोक लगाई गई है।
हिंसा के कारण करने पड़े टूर रद्द-टूर ऑपरेटर राधाकृष्णन ने बताया कि हिंसा से पहले मणिपुर के साथ – साथ चार राज्यों के पर्यटक समूह की बुकिंग आई थी जिसे हिंसा के चलते रद्द करना पड़ा । विदेश से आने वाले पर्यटकों की संख्या भी अधिक थी, जो दूसरे विश्व युद्ध में शहीद हुए अपने परिजनों को श्रद्धांजलि देने आते थे , वो भी हिंसा के कारण नहीं आ पाएँगे।

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होटल टैक्सी का धंधा ठप्प-हिंसा के कारण होटल टैक्सी के काम भी एकदम ठप्प हो चुके हैं । एक होटल मैनेजर का कहना है कि हिंसा के कारण हालात कोरोना काल से भी बुरे हो चुके है । कोरोना के समय तो होटल को क्वारंटाइन सेंटर में बदल दिया गया था लेकिन इस बार कोई विकल्प नहीं है।

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