समुद्री खतरे अभी भी बरकरार हैं लेकिन हमें उनकी बहुत कम समझ है-कैप्टन रोहित

पाइरेसी, आर्म्ड रॉबरी, स्मगलिंग और अवैध फिशिंग जैसे खतरे समुद्री क्षेत्र में बरकरार हैं, लेकिन आईएफसी-आईओआर की स्थापना से अधिकारियों को मदद मिली है। केंद्र के डायरेक्टर कैप्टन रोहित बाजपेयी ने शुक्रवार को कहा कि इन समुद्री खतरों की प्रवृत्ति और पैटर्न की अब तक बहुत कम समझ है।आईएफसी-आईओआर अपनी तरह का एक अनूठा केंद्र है, जहां विदेशों से अंतररांष्ट्रीय संपर्क अधिकारी (आईएलओ) लंबी अवधि के लिए गुरुग्राम में तैनात रहते हैं। इसका उद्घाटन 22 दिसंबर, 2018 को तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कियाथा।

वास्तव में, पिछले पांच साल में ये एक दिलचस्प यात्रा रहीहै। कैप्टन रोहित बाजपेयी ने केंद्र में पीटीआई वीडियो से बातचीत में कहा कि केंद्र ने जो कुछ भी हासिल करने का लक्ष्य रखा था, वे पहले ही हासिल कर लिया है। उनके मुताबिक केंद्र हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को बढ़ाना चाहता है।भारतीय नौसेना ने आईएफसी-आईओआर को बनाया है। इस केंद्र की स्थापना हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और सुरक्षा को आगे बढ़ाने के लिए की गई थी,

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जो केंद्र की क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर) पहल के अनुरूप है।केंद्र की पांचवीं सालगिरह के मौके पर इससे जुड़ी जानकारी को डायरेक्टर ने साझा किया।इस अवसर पर नौसेना के सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र (आईएमएसी) का दौरा भी किया गया, जो मेरीटाइम डेटा फ्यूजन के लिए नोडल एजेंसी है।सूत्रों के मुताबिक आईएमएसी को नेशनल मेरीटाइम डोमेन एवेयरनेस सेंटर के रूप में विकसित करने की योजना बनाई जा रही है, जिसमें विभिन्न एजेंसियों और मंत्रालयों के हितधारक शामिल हैं।

डायरेक्टर आईएफसी-आईओआर कैप्टन रोहित ने कहा कि वर्तमान में हमारे पास 12 देशों के 12 अंतरराष्ट्रीय संपर्क अधिकारी हैं, जो रीजनल और एक्स्ट्रा रीजनल दोनों हैं, और हम निश्चित रूप से इसे बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं। बहुत जल्द बांग्लादेश से एक आईएलओ शामिल होने वाला है, बातचीत चल रही है, जनवरी में हमें उन्हें यहां लाना चाहिए। एक और निर्माण जो हम कर रहे हैं वह जिबूती आचार संहिता जेद्दा संशोधन है। उन्होंने हमारे पास आईएलओ भेजने में भी रुचि दिखाई है। हमें उनका स्वागत करके ज्यादा खुशी होगी और ये पूर्वी अफ्रीकी देशों का निर्माण है। निकट भविष्य में ये भी होना चाहिए। हमारे पास विस्तार की योजना है और हम कुछ वर्षों में करीब 40 आईएलओ स्थापित करने पर विचार कर रहे हैं।

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