संसद सुरक्षा चूक मामले में विपक्ष के हंगामें को लेकर केंद्र सरकार ने किया पलटवार

( प्रदीप कुमार )- केंद्र सरकार ने संसद सुरक्षा चूक के बाद विपक्ष के हंगामे को चुनावी हार की हताशा का षड्यंत्र बताया है। दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और अर्जुन नाम मेघवाल ने विपक्ष पर कई आरोप लगाए हैं।

संसद सत्र समाप्त होने के बाद आज संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी और कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान प्रह्लाद जोशी ने जानकारी दी है कि बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के संसद की सुरक्षा चूक मामले में बयान दर्ज हो गए हैं।

दिल्ली के राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रह्लाद जोशी ने बताया कि 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मामले की जांच चल रही है और कानून अपना काम करेगा।जांच के तहत ही भाजपा सांसद के बयान दर्ज कराए गए हैं। दरअसल लोकसभा में कूदकर हंगामा करने वाले युवकों को भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने ही विजिटर पास जारी किए थे। प्रताप सिम्हा कर्नाटक की मैसूर लोकसभा सीट से सांसद हैं।

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आरोप लगाया कि चुनावी हार से हताश विपक्ष ने सुरक्षा उल्लंघन को अचानक मुद्दा बनाते हुए हंगामा शुरू कर दिया जिस दिन सुरक्षा चूक की घटना हुई उसके बाद भी करीब 40 मिनट तक सदन चला है,अचानक से कहां से क्या निर्देश आए पता नहीं तुरंत विपक्ष ने विरोध शुरू किया।

संसद सुरक्षा चूक को बेरोजगारी से जोड़ने पर जवाब देते हुए संसदीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि, वह कहते है बेरोजगारी की वजह से ये हुआ।पहली बात तो अन्य देशों के मुकाबले हमारे यहां बेरोजगारी दर काफी कम है।जोशी ने आगे सवाल पूछा कि तो भी क्या इस विरोध में कोई किसी का मर्डर कर सकते है?

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वही विपक्षी सांसदों के निलंबन का जवाब देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि ‘संसद का कस्टोडियन स्पीकर होते हैं। लोकसभा स्पीकर बार-बार कह रहे हैं कि सुरक्षा के लिए वह जिम्मेदार हैं लेकिन विपक्ष उनकी बात पर विश्वास नहीं कर रहा। दरअसल विपक्ष जानबूझकर ऐसा कर रहा था और चुनावों में मिली हार के बाद बदले की भावना से काम कर रहा था।’

केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने आगे कहा कि हालांकि ‘संसद की सुरक्षा में चूक एक बड़ा मुद्दा है। जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है और घटना की जांच चल रही है। उपराष्ट्रपति का अपमान किया गया। कांग्रेस मानती है कि सिर्फ उन्हें ही शासन का अधिकार है। उन्हें लगता है कि उपराष्ट्रपति सिर्फ उनके द्वारा नामित होने चाहिए। वह पीएम मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं।

वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान हुए कामकाज की जानकारी देते हुए बताया कि ‘370 से लेकर नई आपराधिक न्याय प्रणाली तक जो कुछ भी इन 5 सालों में हुआ है, वो ऐतिहासिक है। केंद्रीय संसदीय मंत्री ने कहा कि 4 दिसंबर से ये सत्र शुरू हुआ था जो कल यानी 21 दिसंबर को पूर्ण हुआ। इस सत्र में 18 दिनों में 14 बैठकें की गईं। दोनों सदनों में 19 बिल पारित किए गए हैं।

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