Mizoram: मिजोरम (Mizoram) में ब्लिथ्स ट्रैगोपैन नाम के पक्षी प्रजाति को 10 साल बाद खोजा गया है। इसे मिजो में वंगा भी कहा जाता है। इस प्रजाति को विलुप्त माना जाता था लेकिन अब 10 साल बाद इस प्रजाति के पक्षी को फिर से खोज निकाला गया है।
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ब्लिथ्स ट्रैगोपैन तीतर की एक प्रजाति है। इसे हाल ही में कंजर्वेशन मिजोरम ग्रुप ने फौंगपुई राष्ट्रीय उद्यान के थाल्टलांग गांव में कैमराट्रैप में देखा। कंजर्वेशन मिजोरम के अध्यक्ष रोचमलियाना ने आइजोल में पीटीआई-वीडियो को बताया कि वे इस दुर्लभ प्रजाति के पक्षी को डॉक्यूमेंट करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये पक्षी इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) की रेड लिस्ट में है।
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ब्लिथ्स ट्रैगोपैन पक्षी की आबादी कम है और ये लगातार घट रही है। ये प्रजाति भूटान, उत्तरपूर्वी भारत, उत्तरी म्यांमार, दक्षिणपूर्वी तिब्बत और चीन के अलग-अलग इलाकों में पाई जाती है। दुनिया भर में ब्लिथ्स ट्रैगोपैन पक्षियों की संख्या 2,500 से 9,999 के बीच बताई जाती है। ये पक्षी ओक और रोडोडेंड्रोन जंगलों को पसंद करते हैं, जो आमतौर पर ज्यादा ऊंचाई पर पाए जाते हैं। पूर्वोत्तर भारत में जंगलों की कटाई ब्लिथ्स ट्रैगोपैन की आबादी के लिए बड़ा खतरा पैदा करती है क्योंकि इससे जंगलों में पाए जाने वाले उनके खाने के स्रोत में कमी आती है।