लोकसभा ने चालू वित्त वर्ष में 58,378 करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च को मंजूरी दी

लोकसभा ने मंगलवार को मार्च 2024 में खत्म होने वाले चालू वित्त वर्ष में 58,378 करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च को मंजूरी दे दी, जिसमें एक बड़ा हिस्सा मनरेगा और फर्टिलाइजर पर सब्सिडी में इस्तेमाल होगा।सरकार ने लोकसभा में वर्ष 2023-24 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों के पहले बैच में 1.29 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के सकल अतिरिक्त खर्च की मंजूरी मांगी, जिसमें से 70,968 करोड़ रुपये को बचत और प्राप्तियों से समायोजित किया जाएगा।अनुदान की अनुपूरक मांगों पर बहस का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सामाजिक कल्याण से समझौता किए बिना राजकोषीय समझदारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

राजकोषीय अनुशासन पर केंद्र की चिंता को उजागर करते वित्त मंत्री ने भारत को अपनी आर्थिक क्षमता को बर्बाद करने से कैसे बचना चाहिए, इस पर भी बात की।उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान 2047 में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने पर है। निर्मला सीतारमण ने देश की अर्थव्यवस्था में हर वर्ग के योगदान को भी स्वीकार किया।सीतारमण ने कहा, “कोविड के बाद सरकार की आर्थिक सफलता भारत के लोगों के कारण है जो अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे हैं। हमें इसे स्वीकार करना चाहिए और गर्व होना चाहिए कि किसान, दलित और ग्रामीण क्षेत्र सहित हर कोई भारत की आर्थिक वृद्धि के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि दुनिया भर के पर्यवेक्षक कह रहे हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और व्यापक आर्थिक बुनियादी बातें ठीक हैं। सरकार ने राजकोषीय अनुशासन और सार्वजनिक ऋण की उच्च राशि पर लगाम लगाने पर ध्यान दिया है। पर्यवेक्षकों के अनुसार, भारत को अपनी आर्थिक बर्बादी से बचना चाहिएा। यही कारण है कि कोविड के बाद सरकार की आर्थिक सफलता में भारत के लोग अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे हैं। हम इसे स्वीकार करते हैं और गर्व करते हैं कि किसान, दलित, ग्रामीण क्षेत्र सहित हर कोई भारत की अर्थव्यवस्था के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। हम सभी 2047 में एक विकसित भारत
के लिए काम कर रहे हैं मैं सदन से सप्लीमेंट्री डिमांड ग्रांट्स प्रस्ताव को पारित करने का अनुरोध करती हूं।

 

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