चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व की 02 अप्रैल से शुरुआत हो गई है। नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा- अर्चना की जाती है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां के नौ रूपों की पूजा का विधान है। भक्त नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उपवास भी रखते हैं। जानें मां शैलपुत्री की पूजा विधि और भोग।
चौड़े मुंह वाला मिट्टी का एक बर्तन कलश, 7 प्रकार के अनाज, पवित्र स्थान की मिट्टी , गंगाजल , कलावा, आम या अशोक के पत्ते , छिलके/जटा वाला, नारियल , सुपारी, पुष्प और पुष्पमाला, लाल कपड़ा , मिठाई , सिंदूर , दूर्वा। मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप को गाय के घी और दूध से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से मां शैलपुत्री प्रसन्न होती हैं। नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री की अराधना का दिन होता है। मां शैलपुत्री का पसंदीदा रंग लाल है।