विजयादशमी के दिन इस गांव में मनाया जाता है शोक, रावण से जुड़ा है मामला

(अजय पाल)Vijayadashami 2023:देशभर में दशहरे की धूम है जगह जगह रावण दहन की तैयारी की जा रही है।लेकिन मध्यप्रदेश का ऐसा गांव भी है है जहां शोक मनाया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार रावण नाम के इस गांव में लोग उन्हें भगवान मानते है।और उनकी पूजा करते है ।

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रावण गांव मे दशहरे के अवसर पर लोग रावण की पूजा करते है और विशाल भंडारे का आयोजन भी करते है।रावण गांव के लोग अपने आप को रावण बाबा का वंशज मानते हैं इसलिए इस गांव में दशानन की पूजा और सम्मान किया जाता है.गांव के लोगों की रावण के प्रति भक्ति देखकर हर कोई आश्चर्यचकित हो जाता है.इस गांव के स्कूल, ग्राम पंचायत पर भी रावण का नाम लिखा हुआ है. इस गांव में रावण की एक प्रतिमा भी है.जिसकी लोग पूजा अर्चना करते हैं।

जानिए क्यों करते है लोग रावण की पूजा – ऐसा बताया जाता है कि रावण बाबा मंदिर के पुजारी पंडित रमेश तिवारी  के अनुसार उत्तर दिशा में तीन किमी दूरी पर एक पहाड़ी है.वह बताते हैं कि ऐसी मान्यता है कि इस पहाड़ी पर प्राचीन काल में बुद्ध नाम का एक राक्षस रहता था. जिसे रावण से युद्ध करने की इच्छा थी. लेकिन जब वह युद्ध करने लंका पहुंचे तो लंका की चकाचौंध देखकर काफी प्रभावित हुआ.एक दिन रावण ने उस राक्षस से पूछा कि तुम दरबार में आते हो और हर बार बिना कुछ बताए क्यों चले जाते हो.तब राक्षस बुद्ध ने कहा मैं हर बार आपसे युद्ध की इच्छा लेकर आता हूं लेकिन यहां आपको देखकर मेरा क्रोध शांत हो जाता है।जब यह रावण ने सुना और कहा तुम कहीं मेरी एक प्रतिमा बना लेना और उसी से युद्ध करना.उसके बाद यहां एक प्रतिमा स्थापित की गई. जिसकी आज भी लोग पूजा पाठ करते हैं.

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यहां एक मंदिर भी है.इस गांव के लोगों की आस्था रावण में इस तरह है कि नया वाहन खरीदने पर लोग रावण बाबा का नाम जरूर लिखवाते हैं. उसके बाद रावण बाबा मंदिर में उनकी आरती गायी जाती है. इस गांव के लोग रावण दहन का शोक मनाते हैं. साथ ही रावण को मनाने के लिए विशेष पूजा की जाती है।

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